युवती ने लगाया कलेक्टर को फोन, इस मामले में अफसरों के फूले हाथ-पांव
लापरवाही का मामला
बिहार के सुपौल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक अनोखा मामला सामने आया है. मामला जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल से जुड़ा है जहां एक छात्रा को कोविड 19 का टीका (Corona Vaccine) लगाए बिना ही प्रमाण पत्र जारी हो गया. दरअसल 18 वर्षीय छात्रा स्वीटी प्रिया ने कोविड 19 का वैक्सीन लगाने के लिए cowin पर ऑनलाइन बुकिंग कराया तो उसे मैसेज के माध्यम से शनिवार दिन को करीब एक बजे का समय अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज के मध्य विद्यालय लालपट्टी स्थित कोविड 19 वैक्सिनेशन सेंटर का प्राप्त हुआ. जब छात्रा स्वीटी प्रिया कोविड 19 का टीका लगवाने के लिए निर्धारित समय पर मध्य विद्यालय लालपट्टी पहुंची तो वैक्सिनेशन सेंटर ही बंद मिला जिसके बाद छात्रा अपने अभिभावक के साथ अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज पहुंची.
वैक्सीनेशन सेंटर बंद होने का कारण उसने वहां उपस्थित कर्मियों से जानना चाहा तो अस्पताल में मौजूद कोई कर्मी इसका जवाब नहीं दे सका. थक हार कर छात्रा ने अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक से इस संबंध में जानकारी लेने के उनके मोबाइल पर सम्पर्क किया तो प्रभारी उपाधीक्षक द्वारा कोई रिस्पॉन्स नहीं लिया गया. तब तक छात्रा का कोविड वैक्सिनेशन का प्रमाण पत्र विभाग द्वारा बिना टीका लगाए ही जारी कर दिया गया. अस्पताल कर्मियों द्वारा इन बातों का रिस्पॉन्स नहीं लेने के बाद छात्रा ने सभी बातों की जानकारी जिलाधिकारी महेंद्र कुमार को मोबाइल पर दी, जिसके बाद अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज के प्रभारी उपाधीक्षक सहित अन्य कर्मियों के आंखें खुली.
अस्पताल कर्मी छात्रा और उसके परिजन को कोविड 19 का वैक्सीन लगाने के लिए मान मनौवल में लगे हैं लेकिन छात्रा टीका लगाने से मना कर रही है औऱ लापरवाही में सुधार लाते हुए व्यवस्था सुदृढ़ करने की बात कह रही है. मामला जब वरीय अधिकारियों के कानों में पहुंचा तो अधिकारियों की एक टीम त्रिवेणीगंज बाज़ार स्थित छात्रा के घर पहुंची और छात्रा से इतनी बड़ी लापरवाही के लिए सॉरी कहा. इसके बाद भी छात्रा स्वीटी प्रिया ने कोविड 19 का टीका नहीं लगाया औऱ दोषी पर कार्रवाई की मांग मौजूद अधिकारियों से करने लगी. वैक्सीन लगाने के लिए एसडीएम प्रमोद कुमार, प्रभारी उपाधीक्षक डॉक्टर वीरेंद्र दर्वे और जिलाधिकारी के कहने पर जिला से यूनीसेफ कॉर्डिनेटर अनुपमा चौधरी छात्रा के घर पहुंचे और छात्रा को टीका लगाने के लिए मनाते रहे लेकिन उनका ये प्रयास असफल रहा. इस दौरान सभी अधिकारी मीडिया के सवालों के जवाब से भी पीछे हटते दिखे.