पूर्व थाना प्रभारी को है अपनी जान का खतरा, पुलिस विभाग से की ये मांग

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Update: 2021-11-29 14:54 GMT

झारखण्ड। धनबाद के बरवाअड्डा के पूर्व थाना प्रभारी गंगा सागर ओझा को जान का खतरा है। उन्होंने धनबाद थाना में इस संबंध में सनहा दर्ज कराया है। अपने और अपने परिवार के सदस्यों को जान का खतरा बताते हुए सब इंस्पेक्टर ने राइफल का लाइसेंस देने की मांग की है। इस संबंध में एसएसपी संजीव कुमार को पत्र लिखा गया है। पत्र में जिक्र किया गया है कि गंगा सागर ओझा पर बरवाअड्डा थाना प्रभारी रहते इसी साल 24 मई को कातिलाना हमला हुआ था। घटना के दिन वे पुलिस बल के साथ भेलाटाड़ खटाल इलाके में रास्ता विवाद सुलझाने गए थे। भेलाटाड़ वीआईपी कॉलोनी के लोगों ने बरवाअड्डा थाना में आवेदन देकर शिकायत की थी कि कॉलोनी से सटे खटाल के लोगों ने जबरन दीवार को तोड़ कर रास्ता बना लिया है। मामला सुलझाने के दौरान खटाल के लोगों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। इस घटना में गंगा सागर ओझा के सिर पर गंभीर चोट लगी थी। उनके सिर पर 17 टांके लगे थे। इसी घटना को आधार बना कर दारोगा ने अपने जान का खतरा बताया है। साथ ही प्राण रक्षार्थ आर्म्स लाइसेंस मांगा है।

बरवाअड्डा में पुलिस अफसरों पर हुए हमला मामले में आरोपियों को बिना जेल गए ही अग्रिम जमानत मिल गई थी। सितंबर माह में उच्च न्यायालय ने आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें सवा लाख रुपए जमा करने की शर्त पर जमानत देने के आदेश दिया था। कोर्ट ने आरोपियों को 50 हजार रुपए डीसी के नाम, 50 हजार रुपए सूचक पुलिस अफसर और 25 हजार रुपए अन्य घायल पुलिस अफसर त्रिलोकीनाथ सिंह के नाम से जमा करने एवं अतिक्रमित सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की शर्त पर जमानत देने का आदेश दिया था। इस मामले में सिर्फ मिथिलेश यादव की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने मिथिलेश के अलावा धर्मेंद्र सिंह, अमोल यादव, राजकिशोर यादव, कान्हा कुमार यादव उर्फ कन्हैया, एकलव्य सिंह उर्फ अक्षय कुमार उर्फ एकलव्य कुमार यादव, ददन यादव और मुकेश सिंह के खिलाफ बरवाअड्डा थाना में एकमत होकर मारपीट करने तथा पुलिस अधिकारियों पर जानलेवा हमला कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की एफआईआर दर्ज की थी।

अनुसंधान के दौरान आरोपियों से जान के खतरे का अंदेशा इससे पहले सरायढेला के पूर्व थाना प्रभारी निरंजन तिवारी भी जता चुके हैं। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों की हत्या मामले के आईओ इंस्पेक्टर निरंजन तिवारी ने पिछले साल अक्तूबर माह में सरायढेला थाना में इस संबंध में सनहा दर्ज कराया था। उन्होंने आशंका जताई थी कि नीरज हत्याकांड के शूटर उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। निरंजन तिवारी फिलहाल चाईबासा में पदस्थापित हैं।


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