मिर्जापुर में आई बाढ़ ने ना केवल घरों को उजाड़ फेका बल्कि फसलों को भी मचा दी तबाही

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आई बाढ़ ने लोगों से उनका घर-बार, काम धंधा सब छीन लिया है. मिर्जापुर की बात करें तो यहां बाढ़ ने ना केवल घरों को उजाड़ फेका है बल्कि फसलों को भी तबाह कर दिया है.

Update: 2021-08-14 12:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :-  उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आई बाढ़ ने लोगों से उनका घर-बार, काम धंधा सब छीन लिया है. मिर्जापुर की बात करें तो यहां बाढ़ ने ना केवल घरों को उजाड़ फेका है बल्कि फसलों को भी तबाह कर दिया है. किसानों का कहना है कि निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से पूरी फसल खराब हो गई है. वहीं बाढ़ से सैकड़ों गांव पानी से घिरे हुए हैं. कई मकान पूरी तरह से ढह चुके हैं. सड़कों पर पानी भरने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है.

इस समय स्थिति ये है कि नावें ही लोगों का सहारा बनी हुई हैं. बाढ़ से   जिले के हालातों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गंगा नदी में एक मकान पूरा ही बह गया. लोगों ने उस मकान को बहते हुए जब देखा तो सभी आश्चर्यचकित रह गए.
बरियाघाट पर गंगा में तैरता दिखा मकान
बरियाघाट पर गंगा में शुक्रवार को तैरते मकान को देख लोगों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था. ज्यादातर लोग इस बात को लेकर आश्चर्यचकित थे कि आखिर ईंट पत्थर से बना घर कैसे तैर सकता है. इस बात से राज्य में बाढ़ के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है.
पानी तो घटा है लेकिन दिक्कतें नहीं ले रही कम होने का नाम
जिले में गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. पानी घटने से अधिकारियों ने राहत की सांस ले रहे हैं, लेकिन बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों की समस्या कम न हुई हैं. छानबे, कोन, सिटी, मझवां, पहाड़ी, सीखड़, नरायनपुर विकास खंड समेत विंध्याचल और चुनार के तटवर्ती इलाकों में अधिकांश गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं.
खरीब की फसल के साथ सब्जियों की खेती भी हुई तबाह
बाढ़ के चलते इससे जुड़ी नदियों में आए उफान के चलते हजारों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं. खरीफ फसल के साथ सब्जियों की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गयी है. सड़क, पुल और पुलियों पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन पूरी तरह से ठप पड़ा है. प्रशासनिक आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के 406 गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. सदर तहसील में 222 और चुनार में 184 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. बचाव और आवागमन सुचारु बनाए जाने के लिए बाढ़ क्षेत्रों में कुल 120 नाव लगाई गई हैं


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