छुपाकर डेढ़ साल तक परिवार ने शव को घर में रखा, रोंगटे खड़े कर देने वाले मामले में अब हुआ ये खुलासा
बॉडी पर कोई केमिकल नहीं लगाया गया था.
कानपुर: यूपी के कानपुर में डेढ़ साल तक घर में छुपा कर रखी गई इनकम टैक्स अधिकारी विमलेश की बॉडी के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि "बॉडी पर कोई केमिकल नहीं लगाया गया था. अब सवाल यह है कि इतने दिनों तक शव कैसे सुरक्षित रखा, जिससे दुर्गंध भी नहीं आई".
गौरतलब है कि डेढ़ साल तक ज्वाइंट कमिश्नर की डेडबॉडी घर में रखने के मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी. एडीसीपी लखन सिंह यादव विमलेश के घर पहुंचे. जहां उन्होंने उस कमरे का निरीक्षण किया जिसमें डेडबॉडी रखी हुई थी. इस दौरान उन्होंने विमलेश की पत्नी, मां और पिता से बात की.
इसके बाद डीसीपी ने बताया कि जांच और पूछताछ में ये बात सामने आई है कि "परिवार वालों को लगता था कि वो(इनकम टैक्स अधिकारी विमलेश कुमार) अभी जिंदा हैं. इसीलिए बॉडी को घर में रखा". जांच में यह पाया गया है कि डेडबॉडी पर कोई केमिकल नहीं लगाया गया था.
रोशन नगर निवासी विमलेश कुमार इनकम टैक्स में कार्यरत थे. उन्हें अप्रैल 2021 में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था. अस्पताल की ओर से उनका डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया गया था. शव को घर लाने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही थीं. इस दौरान अचानक परिजनों ने यह कहकर अंतिम संस्कार स्थगित कर दिया कि मृतक को होश आ गया है. इसके बाद करीब डेढ़ साल से मृतक का शव घर के अंदर एक पलंग पर रखा गया था.
डेढ़ साल तक डेडबॉडी सड़ी क्यों नहीं...इस पर सीएमओ का कहना है "हो सकता है कि ऑक्सीजन व नमी की कमी और डेडबॉडी की सफाई होती रहने की वजह से ना सड़ी हो". हम इसकी पूरी रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को भेजेंगे, क्योंकि उनके कहने पर ही हमने जांच की थी.
गौरतलब है कि पुलिस इनकम टैक्स अधिकारी विमलेश की लाश को हैलट हॉस्पिटल लेकर पहुंची थी, जहां डॉक्टरों ने जांच कर डेढ़ साल पहले मौत होने का दावा किया था. मेडिकल कॉलेज जीएसवीएम कानपुर अब इस मामले में पूरे केस की स्टडी करेगा. ये बात भी सामने आई है कि घरवाले लाश को गंगाजल और डिटॉल से पोंछते थे.