कांग्रेस सरकार के कर्जमाफी के चुनावी वादे धरे रह गए! नीलाम हुई किसान की जमीन, सब मौन
किसानों की कर्ज माफी (Farmer loan waiver) से लेकर उनके विकास के लिए हर पार्टी बड़े-बड़े वादे करती है.
दौसा. किसानों की कर्ज माफी (Farmer loan waiver) से लेकर उनके विकास के लिए हर पार्टी बड़े-बड़े वादे करती है. उन वादों को पूरा करने के लिये हर भाषणों में उनका जिक्र किया जाता है. लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ अलग है. राजस्थान (Rajasthan) में भी किसानों की कर्ज माफी के दावों के बीच कर्ज नहीं चुका पाने के कारण एक किसान की जमीन को नीलाम (Land auctioned) कर दिया गया. मामला राजस्थान के दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा का है. वहां कर्ज में डूबे एक किसान की जमीन को पहले कुर्क किया गया और फिर मंगलवार को उसे नीलाम कर दिया गया. किसान रोता-बिलखता रह गया. जमीन नीलाम होने के बाद किसान का परिवार सदमे में है.
जानकारी के अनुसार दौसा जिले की जामुन की ढाणी निवासी कजोड़ मीणा ने रामगढ़ पचवारा के राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से केसीसी का लोन लिया था. वर्ष 2017 के बाद किसान ने 7 लाख रुपये से अधिक का ऋण नहीं चुका पाया. उसके बाद केसीसी लोन लेने वाले किसान कजोड़ मीणा की मौत भी हो गई. इसके बाद बैंक ने मृतक किसान के पुत्र राजूलाल और पप्पूलाल को पैसे जमा कराने के लिए कई बार नोटिस दिए. लेकिन किसान परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह केसीसी लोन जमा नहीं करा पाया. वहीं वह सरकार द्वारा किए गए ऋण माफी के वादे से उम्मीद बांधे रहा.
अंत में रामगढ़ पचवारा एसडीएम कार्यालय की ओर से जमीन कुर्की के आदेश जारी कर दिये गए. लेकिन किसान परिवार के पास जमा कराने के रुपये नहीं थे. ऐसे में जमीन कुर्क होने के बाद मंगलवार को किसान की जमीन नीलाम कर दी गई. किसान कजोड़ मीणा की करीब 15 बीघा 2 बिस्वा जमीन को 46 लाख 51 हजार रुपये में नीलाम किया गया. किसान की जमीन की नीलामी प्रक्रिया तहसील कार्यालय में पूरी हुई.
यह जमीन मंडावरी निवासी किरण शर्मा ने नीलामी के तहत छुड़वाई. एक किसान जो अपनी जमीन को मां से भी बड़ा मानता है उसकी जमीन जब नीलाम हुई तो इस बात का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस पर क्या बीती होगी. किसान परिवार का रो रोकर बुरा हाल था. किसान परिवार के सदस्यों का कहना था कि वे अब जाएं तो कहां जाएं. परिवार को आखिर कैसे पालें? ऐसे में किसान परिवार के सदस्य आत्महत्या के मजबूर होने की बात तक कहने लग गये.
दूसरी तरफ बैंक अधिकारियों और रामगढ़ पचवारा एसडीएम का कहना है कि किसान ने केसीसी लोन जमा नहीं कराया था. इसके लिए बार-बार किसान परिवार से संपर्क भी किया गया था. सेटलमेंट के लिए भी प्रयास किए गए थे लेकिन किसान लोन नहीं चुका पाया. उसके बाद मंगलवार को जमीन की नीलामी की गई है.