उत्तराखंड। केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इस दौरान हजारों श्रद्धालु मौके पर मौजूद रहे. केदारधाम हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा.
केदरनाथ धाम से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। शिवपुराण की कोटीरुद्र संहिता में लिखा है कि पुराने समय में बदरीवन में विष्णु भगवान के अवतार नर-नारायण पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान शिव का रोज पूजन करते थे। नर-नारायण की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव यहां प्रकट हुए। शिव जी ने नर-नारायण से वरदान मांगने के लिए कहा। तब नर-नारायण ने वरदान मांगा कि शिव जी हमेशा यहीं रहें, ताकि अन्य भक्तों को भी शिव जी के दर्शन आसानी से हो सके। ये बात सुनकर शिव जी ने कहा कि अब से वे यहीं रहेंगे और ये क्षेत्र केदार क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध होगा।
शिव जी ने आगे कहा कि जो भक्त केदारनाथ के साथ ही नर-नारायण के दर्शन करेगा, उसे अक्षय पुण्य मिलेगा। ये वर देकर शिव जी ज्योति स्वरूप में यहां स्थित शिवलिंग में समा गए। केदारनाथ धाम हिमालय में स्थित है। इस कारण ठंड के दिनों में यहां का वातावरण इंसानों के लिए सही नहीं रहता है। ठंड, बर्फबारी की वजह से केदारनाथ दर्शनार्थियों के लिए हमेशा खुला नहीं रहता। ये मंदिर गर्मी के दिनों में यानी अप्रैल से नवंबर के बीच दर्शन के लिए खोला जाता है।