बदरीनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए गए है। इस खास अवसर के लिए मंदिर को फूलों से सजाया गया। इससे पहले सोमवार को पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान मंदिर से रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में तेल कलश यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंची। इसके अलावा धर्माधिकारी भुवन उनियाल, अपर धर्माधिकारी राधकृष्ण थपलियाल समेत चुनिंदा तीर्थ पुरोहित भी बदरीनाथ पहुंचे।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने चार धाम यात्रा फिलहाल स्थगित की हुई है, लेकिन धामों के कपाट निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही खोले जा रहे हैं। इसी के तहत बदरीनाथ धाम के कपाट ब्रह्म बेला पर चार बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान और वेद मंत्रोच्चार के बीच खोल दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस अवसर पर सिर्फ मुख्य पुजारी, वेदपाठियों के अलावा देवस्थानम बोर्ड के कुछ कर्मचारी ही मौजूद रहे।
उधर, सोमवार सुबह योगध्यान बदरी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भगवान बदरी विशाल की उत्सव डोली के साथ ही शंकराचार्य गद्दी व गाडू घड़ा बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया गया। इस दौरान पांडुकेश्वर, विष्णुप्रयाग, लामबगड़ आदि स्थानों पर उत्सव डोली की पूजा-अर्चना की गई। हनुमानचट्टी में भगवान हनुमान के दर्शनों के बाद डोली बदरीनाथ धाम पहुंची।
यहां पहले से पहुंचे स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के जयकारों के साथ डोली की पूजा-अर्चना की। इस दौरान उत्सव डोली के साथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन उनियाल, अपर धर्माधिकारी राधकृष्ण थपलियाल, सत्य प्रसाद चमोला, भितला बड़वा ज्योतिष डिमरी, अंकित डिमरी, हरीश डिमरी, मंदिर व्यवस्था से जुड़े हुए हक-हकूकधारी मेहता, भंडारी, कमदी, रैंकवाल थोक के प्रतिनिधि बदरीनाथ पहुंचे।