DGP ने कार में महिला IPS का हाथ चूमा, ड्राइवर से कहा- पीछे के व्यू वाले शीशे को ऊपर करो, और फिर...

हाई कोर्ट ने दिए सख्त आदेश.

Update: 2021-03-03 06:06 GMT

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चेन्नै:- तमिलनाडु में महिला आईपीएस के साथ यौन शोषण मामले में आईपीएस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। वरिष्ठ आईपीएस ने महिला आईपीएस को कार में बैठाया। उनके सामने गाना बजाने लगे। महिला आईपीएस का हाथ पकड़ा और उसे चूमा। महिला आईपीएस ने हाथ खींचा तो उन्होंने फिर से उसे पकड़कर चूमा। आखिकार उन्हें कार से निकलकर बाहर भागना पड़ा।

महिला आईपीएस ने बताया कि उन्हें अन्य अधिकारी इस मामले में शिकायत करने से रोका। उन्हें धमकी भी दी गई लेकिन वह रूकी नहीं और गृह सचिव से इसकी शिकायत की। वहीं कई महिला अधिकारियों ने पीड़ित महिला आईपीएस अधिकारी को उनके साहस के लिए बधाई दी है।
सीबीसीआईडी ने दर्ज किया केस
राज्य सरकार ने विशेष पुलिस महानिदेशक के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। कमिटी गठित होने के अब चार दिन बाद, सीबी-सीआईडी ने डीजीपी खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोप है कि विशेष डीजीपी ने युवा महिला अधिकारी को उसकी कार में बैठकर उनके साथ छेड़खानी की।
हाई कोर्ट ने दिए सख्त आदेश
इस मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने भी इस स्वतः संज्ञान में लिया। मद्रास हाई कोर्ट ने घटना में पीड़ित महिला आईपीएस और आरोपी डीजीपी का नाम मीडिया में उजागर न करने का आदेश दिया है। मंगलवार को, सीबी-सीआईडी टीम ने अपने विस्तृत बयानों और संबंधित सबूतों के लिए गवाहों से पूछताछ की।
मीटिंग की बात कहकर कार में बुलाया
वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी की लिखित शिकायत में उन्होंने कहा है कि 21 फरवरी को मुख्यमंत्री का करूर में दौरा था। उनकी वहां बंदोबस्त के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। शाम को सीएम का भाषण चल रहा था, विशेष डीजीपी ने उन्हें अगली बैठक के इंतजाम संबंधित मीटिंग करने के लिए कार में बुलाया। वह कार में बैठीं तो स्पेशल डीजीपी ने उनके साथ यौन शोषण शुरू कर दिया।
मानवाधिकार आयोग ने भी लगाई फटकार
तमिलनाडु IPS ऑफिसर्स असोसिएशन ने भी पीड़ित आईपीएस का साथ दिया है। तमिलनाडु मानवाधिकार आयोग (SHRC) ने इस घटना को स्वतः संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी करके विपक्षी दलों और सरकार को कार्रवाई में देरी के लिए फटकार लगाई कहा जा रहा है कि चौतरफा फटकार और फजीहत के बाद स्पेशल डीजीपी को कानून व्यवस्था के पद से रिलीव किया गया है।
डीएमके सांसद ने बोला हमला
इस मामले में डीएमके सांसद कनिमोझी ने वरिष्ठ आईपीएस को निलंबित करने की मांग शुरू की। आंदोलन बढ़ता देखकर सरकार ने सीबी-सीआईडी जांच का आदेश दिया। इससे पहले, कनिमोझी ने ट्वीट किया था, 'जब एक महिला आईपीएस अधिकारी का ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारी यौन उत्पीड़न करते हैं और सीएम इसका कोई संज्ञान नहीं लेते हैं, तो इस शासन में 'सामान्य' महिलाएं क्या आशा कर सकती हैं।'


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