डिप्टी कमिश्नर के भाई के साथ ठगी, तरीका ऐसा की पुलिस के भी छूटे पसीने

चार ठगों को गिरफ्तार किया है.

Update: 2021-08-09 09:29 GMT

गाजियाबाद. देश की राजधानी दिल्‍ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में जालसाजी (Forgery) का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल ठगी करने वालों ने कुछ महीने पहले बंद हो चुके मोबाइल नंबर (Mobile Number) का इस्‍तेमाल कर एक व्‍यक्ति के खाते से 16 लाख रुपये उड़ा डाले. जबकि ठगी के शिकार होने वाले शख्‍स की बहन जीएसटी विभाग में डिप्टी कमिश्नर हैं. इस मामले में मधुबन बापूधाम पुलिस और साइबर सेल (Madhuban Bapudham Police and Cyber ​​Cell) ने चार ठगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, जब पुलिस ठगी के तरीके से हैरान है.

इस मामले में एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के नाम भानु प्रताप शर्मा, त्रिलोक शर्मा, दीपक और विपिन राठौर हैं. इन बदमाशों के पास कई मोबाइल, 20 से अधिक एटीएम, 5 लाख कैश और ठगी की रकम से खरीदी गई आर्टिगा कार बरामद हुई है.
सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा के मुताबिक, ठगी का शिकार होने वाले गौरव गुप्ता मधुबन बापूधाम क्षेत्र की एक कॉलोनी में रहते हैं. उनका आधार और बैंक खाते से लिंक्ड नंबर रिचार्ज नहीं होने के कारण बंद हो गया था. हालांकि गौरव ने बैंक ऑफ बड़ौदा में नंबर अपडेट कराने की ऐप्लीकेशन दी थी, लेकिन वह अपडेट नहीं हो पाया. फिर कुछ महीने बाद वही नंबर दिल्ली के रहने वाले विपिन राठौर को अलॉट हो गया. जब उसके पास बैंक से जुड़े मैसेज आए तो उसने इसकी जानकारी अपने दोस्‍त भानु को दी, जोकि पहले से ही इस प्रकार के फ्रॉड में माहिर था.
विपिन राठौर की बात सुनने के बाद भानु ने नंबर को चेक किया तो पता चला कि यह नंबर गौरव गुप्‍ता के आधार कार्ड और अकाउंट से लिंक है. इसके बाद भानु ने विपिन के साथ मिलकर फर्जी पेपर तैयार कर ठगी की प्लानिंग शुरू की. यही नहीं, भानु ने अपने साथी को 8 लाख रुपये देने की हामी भर दी. इसके बाद भानु ने दीपक नाम के शख्स को गौरव गुप्ता का आधार कार्ड डाउनलोड करने का काम दिया. इसके लिए 1 लाख 30 हजार रुपये का सौदा हुआ. वहीं, दीपक ने यूट्यूब पर सिर्फ मोबाइल नंबर के जरिये आधार कार्ड निकालने का तरीका सीखा. गौरव गुप्ता का आधार कार्ड डाउनलोड कर उसमें विपिन राठौर की फोटो लगा दी. फिर फर्जी डॉक्‍यूमेंट के आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा से गौरव गुप्ता के खाते से जुड़ा नया डेबिट कार्ड जारी करा लिया.
इसके बाद त्रिलोक शर्मा ने डेबिट कार्ड के जरिए गौरव गुप्ता के खाते से नेट बैंकिंग के सहारे 16 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए. वहीं, रकम का बंटवारा भी कर लिया. इसके अलावा त्रिलोक शर्मा ने एक पुरानी आर्टिगा कार भी खरीद ली. वहीं, इस अपने साथ धोखाधड़ी की जानकारी होने पर गौरव गुप्‍ता ने 31 जुलाई को मधुबन बापूधाम थाने में मुकदमा दर्ज कराया. इसके बाद पुलिस और साइबर सेल कड़ी मशक्‍कत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
यही नहीं, पुलिस की पूछताछ में यही भी पता चला है कि 16 लाख की ठगी का मास्‍टरमाइंड भानु प्रताप शर्मा अपने भाई के साथ दिल्ली के अशोक नगर में गूगल पर ऐड देकर लोगों को घर बैठे रेस्तरां, ढाबे और दूसरे फूड स्टॉल के FSSAI लाइसेंस दिलवाने के नाम पर ठगी करता है. वह पिछले दो साल में लोगों से 1 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं.
Tags:    

Similar News

-->