डॉक्टर के फैसले से मचा हड़कंप, कोरोना संक्रमित होने के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने से किया मना
कोरोना का कहर
बिहार की राजधानी पटना में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को पीएमसीएच के तीन डॉक्टर समेत 80 नए संक्रमित मिले। संक्रमित तीनों डॉक्टर पूर्व में कोरोना का टीका ले चुके थे। इनमें से दो डॉक्टर मेडिसीन विभाग के हैं। एक डॉक्टर की हालत खराब होने से उन्हें एम्स रेफर किया गया। लेकिन कोरोना संक्रमित डॉक्टर न तो पीएमसीएच और न ही एम्स में भर्ती होने को तैयार थे। इसके बाद तो अफरातफरी का माहौल हो गया। संक्रमित डॉक्टर को समझाने के लिए मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष से लेकर कोरोना के नोडल पदाधिकारी तक देर रात तक लगे रहे। यहां तक कि उसके लिए प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से भी बात की गई।
प्रधान सचिव ने स्पष्ट कहा कि न तो डॉक्टर को मरने दिया जाएगा और न ही उसे कोरोना फैलाने दिया जाएगा। उनके निर्देश पर पीएमसीएच के कई सीनियर डॉक्टर संक्रमित डॉक्टर को मनाने के लिए देर रात तक लगे रहे। एक्टिव संक्रमितों की संख्या भी अब बढ़कर 468 हो गई है। शनिवार को एक बार फिर शहर के कई बड़े और वीआईपी मोहल्ले से कोरोना के संक्रमित मिले हैं। शनिवार को कंकड़बाग के डॉक्टर्स कॉलोनी, पोस्टल पार्क, कदमकुआं, राजेंद्रनगर, पटना सिटी के कुछ मोहल्ले, दानापुर-खगौल, राजीवनगर, जगदेवपथ, आशियाना रोड, रूपसपुर, बोरिंग रोड-बोरिंग कैनाल रोड, पीएमसीएच समेत कई मोहल्लों से संक्रमित मिले।
50 दिन भर्ती रहने के बाद लक्ष्मी ने कोरोना पर पाई विजय
एम्स पटना में 50 दिन भर्ती होने के बाद 68 वर्षीय लक्ष्मी पासवान शनिवार को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुईं। उनके स्वस्थ होने के बाद कोरोना वार्ड के डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ ने ताली बजाकर उन्हें विदाई दीं। एम्स में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि रूपसपुर की लक्ष्मी 6 फरवरी को गंभीर हालत में एम्स में भर्ती हुई थीं। इस दौरान उनको प्लाज्माथेरेपी भी दिया गया। वह लगभग एक महीना तक वेंटिलेटर पर रहीं। वेंटिलेटर सपोर्ट लेने के लिए उनके गले की सर्जरी भी की गई। एम्स में वे अबतक सबसे लंबे समय तक भर्ती होनेवाली कोरोना संक्रमित महिला हैं। राज्य के पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद भी एम्स से स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुए।