कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया, नाबालिग लड़के से दुष्कर्म की कोशिश, धर्म प्रचारक को 5 साल की सजा

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Update: 2022-05-01 13:21 GMT

अकोला: महाराष्ट्र के अकोला जिले के कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 14 साल के नाबालिग लड़के के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश के मामले में एक बौद्ध भंते को दोषी करार दिया. कोर्ट ने उस बौद्ध भंते को 5 साल की जेल और 18 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई है. मामले में दोषी बौद्ध भंते का नाम नाना तायडे है, उसकी उम्र 54 साल है.

कोर्ट में सरकारी पक्ष के वकील ने दी जानकारी के मुताबिक, 13 सितंबर 2019 को पीड़ित नाबालिग लड़के ने पुलिस थाने में बौद्ध भंते नाना तायडे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि जब वह पूजा के लिए फूल लेकर बुद्ध विहार में गया था. तब बौद्ध भंते ने उसे अ पाकर उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की.
इसके बाद नाबालिग लड़के ने अपने परिजनों को घटना के बारे में बताया. इसके बाद उसके परिजनों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने आरोपी भंते नाना तायडे के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
मामले में पुलिस ने कोर्ट में दो शिकायती पत्र दाखिल किए हैं. सरकारी पक्ष ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान 9 गवाहों को पेश किया. इसके बाद आरोपी बौद्ध भंते नाना तायडे के खिलाफ कोर्ट में मामला सिद्ध हुआ. दोनों ही पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने नाना तायडे को 5 साल की जेल और 18 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई.
कोर्ट ने दोषी बौद्ध भंते नाना तायडे को सजा सुनाते हुए शख्स टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि अगर धर्म गुरु ऐसा काम करेंगे तो लोग किन पर विश्वास करेंगे. उनका ऐसा कुकर्म करना कालिख पोतने जैसा है. 
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