रेप पीड़िता नर्स से सिपाही ने बढ़ाई नजदीकियां, तमंचे के बल पर किया दुष्कर्म
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मुरादाबाद: लव जिहाद और रेप पीड़िता नर्स से जांच के बहाने पहले इंटेलीजेंस में सिपाही ने नजदीकियां बढ़ाई और फिर तमंचे के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत पर सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। मूल रूप से डिलारी के एक गांव की रहने वाली 28 वर्षीय युवती एक निजी अस्पताल में नर्स है और सिविल लाइंस थाना इलाके में रहती है। पीड़िता की तहरीर के मुताबिक 2019 में उसने डिलारी थाने में धर्म छिपाकर प्रेम के जाल में फंसाने वाले फैजान और उसके घर वालों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म, आपराधिक षड़यंत्र और गर्भपात कराने का केस दर्ज कराया था।
पीड़िता के अनुसार उसी मुकदमे के विवेचना के दौरान बरेली के सुभाष नगर, बग्गा कालोनी गेट, गंगा नगर निवासी सिपाही राघवेंद्र सिंह उससे मिला। केस के बारे में पूछताछ के बाद में उसने उसका मोबाइल नंबर ले लिया और मदद के बहाने करीबी बढ़ा ली। वह उसके सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में स्थित घर भी आने-जाने लगा। आरोप है कि 22 दिसंबर 2019 को रात करीब दस बजे राघवेंद्र उसके घर आया और तमंचे के बल पर दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसने उसे यह कहकर शांत करा दिया कि वह अविवाहित है और जल्द उससे शादी कर लेगा। इसके बाद वह उसे शादी की बात कहकर बार-बार अवैध संबंध बनाने लगा और उसी के घर में लिव-इन में रहने लगा।
पीड़िता का आरोप है कि 25 सितंबर 2021 को भी वह उसे अपनी कार से मंसूरी और ऋषिकेश ले गया और एक-एक रात रुका। वह पीड़िता के गांव भी गया और परिजनों को उससे शादी कर लेने का भरोसा दिलाया। इसी बीच उसे आरोपी के आईकार्ड से पता चला कि वह शादी शुदा और एक पांच साल के बच्चे का बाप है। इस बारे में पूछताछ करने पर सिपाही गाली-गलौज पर उतर आया और जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत उसने इंटेलिजेंस कार्यालय में भी की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तब उसने एसएसपी से गुहार लगाई। उनके आदेश पर ही आरोपी राघवेंद्र के खिलाफ केस दर्ज हो पाया। एसएचओ सिविल लाइंस रवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
मुरादाबाद। दुष्कर्म पीड़िता नर्स के अनुसार क्षेत्रीय अभिसूचना कार्यालय (लोकल इंटेलिजेंस) मुरादाबाद में तैनात राघवेंद्र सिंह उसे लगातार धोखा देता रहा। पीड़िता के अनुसार अक्तूबर में उसे कैंटीन से सामान खरीदना था। इसके लिए उसने राघवेंद्र का आई कार्ड लिया था। इसी दौरान उसकी नजर पड़ी कि कार्ड पर उसके पर्सनल इंफार्मेशन में उसकी पत्नी के तौर पर ऋचा सिंह का नाम लिखा था। इस बारे में पूछताछ करने पर पहले तो वह टालमटोल करने लगा और फिर नाराज हो गया। पीड़िता को यह भी पता चला कि राघवेंद्र एक बच्चे का पिता भी है। विरोध करने पर उसने उसे धमकी भी दी। पीड़िता के अनुसार अंतिम बार बीते शुक्रवार को राघवेंद्र ने उसे जान से मारने की धमकी दी।
पीड़िता नर्स के अनुसार 2019 में ही मोबाइल शॉप पर काम करने वाले एक युवक से उसकी दोस्ती हो गई थी। उसने अपना नाम ईशान चौधरी बताया था। उससे पहले दोस्ती हुई और फिर उसने शारीरिक संबंध भी बनाए। गर्भवती होने पर उसने उसका गर्भपात भी कराया। बाद में पीड़िता को पता चला कि ईशान चौधरी का असली नाम फैजान है। इसके बाद पीड़िता ने डिलारी थाने में शिकायत की। चूकि उस समय लव जिहाद का कानून नहीं आया था इसलिए पीड़िता ने अपहरण, दुष्कर्म, आपराधिक षड़यंत्र और गर्भपात कराने के आरोप में केस दर्ज कराया था। पीड़िता को उम्मीद थी कि उसे न्याय मिलेगा लेकिन न्याय दिलाने के बहाने सिपाही ने ही उसे अपना शिकार बना डाला।