किसान को खेत में पराली जलाते कलेक्टर ने पकड़ा रंगेहाथ, कान पकड़कर मांगी माफी
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बहराइच: खेत में पराली जलाना दंडनीय अपराध है. पर्यावरण सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश हैं कि अगर कोई भी किसान फसल काटने के बाद उसके अवशेष को खेतों में जलाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसी कड़ी में एक ताजा मामला बहराइच जिले से सामने आया है.
यहां बहराइच जिले के DM डॉ. दिनेश चंद्र विकास कार्यों का स्थलीय जायजा लेने मोतीपुर तहसील क्षेत्र के दौरे पर थे. तभी गायघाट क्षेत्र में पहुंचने पर जिलाधिकारी की नजर अचानक एक खेत से उठ रहे धुएं के गुबार पर पड़ी. यहां एक किसान अपने छोटे से खेत में फसल अवशेष (पराली) जला रहा था. खेत में फसल के अवशेष को जलता हुआ देखकर DM ने तत्काल अपनी गाड़ी मौके पर रुकवाई और उतरकर सीधे खेत के बीच पहुंच गए. DM खुद ही किसान मनोहर के साथ मिलकर जल रही पराली को बुझाने लगे.
कान पकड़कर मांगी माफी
इसके बाद डीएम ने आरोपी किसान से पूछा कि पराली क्यों जला रहे हो? खेतों में पराली जलाना कानूनी अपराध है. इसके लिए आपको अर्थ दण्ड के साथ सजा भी हो सकती है. इस पर किसान ने डीएम को बताया कि उसे पराली न जलाने के बारे में जानकारी नहीं थी. अपनी गलती की माफी के लिये मनोहर ने DM के सामने मां समान गांव की एक बुजुर्ग महिला के पैर को छूकर और अपने कान पकड़कर भविष्य में कभी खेत में पराली न जलाने का संकल्प लिया.
गलती के लिए किया माफ
इस दौरान मौजूद ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को बताया कि मनोहर काफी गरीब है. अगर उसे जानकारी होती तो वह यह काम नहीं करता. बुजुर्ग महिला ने भी मनोहर की गलती को माफ करने की DM से प्रार्थना की. इसपर जिलाधिकारी ने आरोपी को अनजाने में हुई पहली गलती के लिए माफ कर दिया. वहीं, इलाके के लेखपाल और कृषि विभाग के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही के लिये नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया.
पराली न जलाने के बारे में किया जागरूक
इस दौरान कलेक्टर डॉ. दिनेश चंद्र ने आरोपी मनोहर के साथ ही मौके पर मौजूद तमाम गांववालों को पराली न जलाने के बारे में जागरूक किया. डीएम ने कहा कि फसल अवशेष के बेहतर निस्तारण से भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी कर आय में इज़ाफा भी किया जा सकता है. इसके साथ ही पराली को सड़ाने में काम आने वाली दवा डी-कम्पोज़र का भी वितरण कराया.