केंद्र सरकार ने नए डिजिटल डाटा संरक्षण विधेयक 2022 का मसौदा किया सार्वजनिक

Update: 2022-11-19 07:05 GMT

दिल्ली: भारत में डाटा के दुरुपयोग पर 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना होगा। केंद्र सरकार ने नए डिजिटल डाटा संरक्षण विधेयक 2022 का मसौदा सार्वजनिक कर दिया है। प्रस्तावित कानून के अनुसार लोगों के निजी डाटा एकत्र करने से पहले सहमति लेना अनिवार्य होगा।

हालांकि, अमेजन और फेसबुक जैसी वैश्विक कंपनियों को भारतीयों का डाटा देश से बाहर ले जाने में कुछ राहत दी गई है। विधेयक के 2019 के मसौदे में बड़ी तकनीकी कंपनियों को डाटा भारत से बाहर ले जाने पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे, जिन पर कंपनियों ने आपत्ति जताई थी। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी मसौदे के अनुसार, कंपनियां तय समय के लिए ही निजी डाटा स्टोर कर पाएंगी। केंद्र सरकार को अधिकार होगा कि देश की संप्रभुता व अखंडता के हित और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों व राज्यों को कानून से छूट दे सके। खासतौर पर एजेंसियों को निजी डाटा असीमित समय तक रखने की छूट का प्रावधान किया गया है। नया मसौदा इस साल अगस्त में वापस लिए गए 2019 के मसौदे की जगह पेश किया गया है। इस पर 17 दिसंबर तक आपत्ति या सुझाव दिए जा सकते हैं।

10 हजार जुर्माना देना होगा अब किसी दस्तावेज में गलत जानकारी देने पर

कानून प्रवर्तन एजेंसियां असीमित समय तक स्टोर कर पाएंगी निजी डाटा

महिला सशक्तीकरण की मिसाल भी:

देश के विधायी इतिहास में पहली बार इस विधेयक में महिलाओं को सशक्त बनाने के मकसद से पुरुषवाचक HE (वह) और HIS (उसका) की जगह स्त्रीवाचक SHE और HER का इस्तेमाल किया गया है।

कंसेंट मैनेजर बनेगा कंपनी और व्यक्ति के बीच कड़ी:

उपयोगकर्ता को सहमति देने, समीक्षा करने और सहमति वापस लेने के लिए सुलभ, पारदर्शी व अंतर-संचालित मंच बनाने के लिए गूगल व फेसबुक जैसी कंपनियों को कंसेंट मैनेजर बनाना होगा।

बड़ी कंपनियां को डाटा प्रसंस्करण क्षमता जैसे आधार पर कानून के अनुपालन का मूल्यांकन करने के लिए स्वतंत्र डाटा ऑडिटर नियुक्त करने होंगे।

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