आशीष गिरि की संदिग्ध मौत के मामले ने भी पकड़ा जोर, सामने आया ये बयान

जानिए पूरा मामला.

Update: 2021-10-12 07:15 GMT

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद से ही प्रयागराज का बाघंबरी मठ चर्चा में है. मठ के नए महंत की चादरपोशी हो गई है. नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच भी सीबीआई जांच चल रही है. इन सबके बीच मठ परिसर में दो साल पहले निरंजनी अखाड़े के सचिव रहे आशीष गिरि की संदिग्ध मौत के मामले ने भी जोर पकड़ लिया है.

आशीष गिरी भी दो साल पहले मठ के अपने कमरे में संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे. उनके शव के बगल में रिवॉल्वर और दो कारतूस के साथ और भी असलहे बरामद हुए थे. तब कहा ये गया था कि आशीष गिरि ने बीमारी से आजिज आकर आत्महत्या की लेकिन आनंद गिरि ने अब इस मौत के मामले का जिन्न भी बोतल से बाहर निकाल लिया.
मौत की सीबीआई जांच की मांग
आनंद गिरि का दावा है कि आशीष गिरि की मौत आत्महत्या नहीं, हत्या है. आनंद गिरि ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की है.
गौरतलब है कि तब पुलिस ने मामले की जांच की भी थी लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला था जिससे इसे हत्या करार दिया जा सके. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में हुई मौत के बाद अब आशीष गिरि की मौत का मामला भी चर्चा में आ गया है.
आशीष गिरि की मौत के मामले में अब अधिवक्ता विजय द्विवेदी ने भी मुकदमा दर्ज कराने के लिए डीआईजी को एक शिकायती पत्र दिया है. अधिवक्ता की ओर से दिए गए शिकायती पत्र में सीबीआई जांच कराने की मांग की गई है और राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत अन्य अफसरों को भी ये शिकायती पत्र भेज दिया है. अधिवक्ता विजय द्विवेदी के मुताबिक 17 नवंबर 2019 को निरजंनी अखाड़े के आश्रम में सचिव आशीष गिरि की गोली लगने से मौत हो गई थी. उस समय आत्महत्या के जो भी कारण बताए गए, वे सभी निराधार थे.


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