नदी में जा गिरी कार, ड्राइवर की हुई दर्दनाक मौत

सड़क हादसा

Update: 2021-07-29 16:00 GMT

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग (Rudraprayag) के अगस्त्यमुनि गंगानगर इलाके में बड़ा हादसा हुआ. गुरुवार सुबह एक कार मंदाकिनी नदी (Mandakini River) में जा गिरी. हादसे के दौरान कार में एक व्यक्ति सवार था. हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर स्थानीय पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम पहुंची. काफी मशक्कत के बाद भी कार सवार शख्स को बचाया न जा सका. लोगों की मदद से शव को मंदाकिनी में गिरी कार से निकाल लिया गया. बताया जा रहा है कि गंगानगर में पठालीधार-बसूकेदार को जोड़ने वाले पुल के पास कार को मोड़ने के समय ये हादसा हुआ. मंदाकिनी नदी में जलस्तर बढ़ा होने के कारण रेस्क्यू में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

मिली जानकारी के मुताबिक, अगस्त्यमुनि के गंगानगर में गुरुवार सुबह एक कार मंदाकिनी नदी में गिर गई. बताया जा रहा है कि कार मोड़ने के दौरान ये हादसा हुआ. काफी मशक्कत के बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने रस्सियों की मदद से नदी में उतरी और शव को बरामद किया. बरसात के दिनों पहाड़ों में हर तरफ आसमानी आफत बरस रही है. लगातार हो रही भारी बारिश के कारण धारचूला में गलाती नाला भी पूरे ऊफान पर है. इस नाले में एक कच्चा पुल मौजूद था. इसी कच्चे पुल की मदद से गोपाल सिंह अपने घर लौट रहा था. लेकिन पुल ने साथ नहीं दिया और गोपाल ऊफनते नाले में समा गया. देऱ शाम भी एसडीआरएफ ने गोपाल को तलाशने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया. मगर अंधेरा काफी होने के चलते ऑफरेशन रोकना पड़ा. सुबह होने पर एसडीआऱएफ ने फिर मोर्चा संभाला. लेकिन पानी के बहाव तेज होने के कारण शव तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था. आखिरकार रस्सियों की मदद से एसडीआऱएफ के जवान शव तक पहुंचे. तेज बहाव के बीच शव को निकालना भी किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन पूरी तरह ट्रेंड जवानों ने शव को पानी से निकाला.

शव को पार पहुंचाने के लिए एक बार फिर एसडीआऱएफ ने रस्सियों की मदद ली. रस्सियों में लटकाकर शव का दूसरे छोर पर पहुंचाया गया. करीब 6 घंटे तक चले सर्च ऑपरेशन ने देखने वालों की धड़कनों को थाम सा दिया था. घटना के बाद नाराज ग्रामीणों ने घंटों एसडीएम धारचूला का घेराव किया. ग्रामीणों ने गोपाल के शव का अंतिम संस्कार भी नहीं किया. गलाती से क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेन्द्र बिष्ट का कहना है कि गांव के लोग सालों से पक्का पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन शासन-प्रशासन को कोई परवाह नहीं है.

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