BIG BREAKING: नखरेबाज IAS की मां की दबंगई कैमरे में कैद, मचा हड़कंप

बंदूक लेकर कुछ लोगों को धमकाते नजर आ रही हैं.

Update: 2024-07-12 06:27 GMT
नई दिल्ली: ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) लगातार विवादों में बनी हुई हैं. उन पर ओबीसी आरक्षण कोटे का दुरुपयोग कर आईएएस की नौकरी हासिल करने से लेकर कई तरह के आरोप लगे हैं. ऐसे में अब पूजा की मां एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह बंदूक लेकर कुछ लोगों को धमकाते नजर आ रही हैं.
यह वीडियो 2023 का है, जिसमें पूजा खेडकर की मां मनोरम खेडकर हाथ में बंदूक लिए कुछ लोगों को धमकाते नजर आ रही हैं. दरअसल ये मामला किसानों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश से जुड़ा हुआ है.
पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर ने सरकारी नौकरी के दौरान करोड़ों रुपयों की संपत्ति जुटाने के बाद कई जगहों पर जमीनें खरीदी. कहा जा रहा है कि खेडकर परिवार ने पुणे जिले के मुल्शी तहसील में 25 एकड़ की जमीन खरीदी थी. इसके लिए उन्होंने आसपास के किसानों की जमीनों पर कब्जा करने की भी कोशिश की थी.
लेकिन जब किसानों ने इसका विरोध किया तो खेडकर की मां मनोरमा खेडकर बाउंसर के साथ मौके पर पहुंची और उन्होंने किसानों को धमकाया. इस दौरान उनके हाथ में बंदूक थी, जिससे वो किसानों को धमका रही थी. लेकिन जब किसानों ने उनके खिलाफ पुणे के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो दबाव की वजह से उनकी शिकायत भी दर्ज नहीं हो सकी.
महाराष्ट्र केडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां का एक और वीडियो कुछ दिन पहले वायरल हुए था. उन्होंने घर के बाहर खड़े होकर वीडियो बनाने वाले मीडियाकर्मियों पर हमला कर दिया था. पूजा खेडकर की मां ने कहा था कि अगर मेरी बेटी ने सुसाइड कर लिया तो मैं आप सबको अंदर डाल दूंगी. उन्होंने मीडियाकर्मियों को धमकी भी दी थी और कैमरे पर हाथ भी मारा था.
चुनावी हलफनामे के मुताबिक, पूजा खेडकर के पैरेंट्स के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जो कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है. इसके अलावा छह दुकानें, सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी, चार कार हैं. इसके साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है. इतना ही नहीं खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
इतना ही नहीं ये भी सामने आया है कि पूजा खेडकर ने यूपीएससी को सौंपे हलफनामे में खुद के दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा किया था. खेडकर ने इस दिव्यांगता सर्टिफिकेट का उपयोग UPSC में सिलेक्शन के लिए विशेष रियायतें हासिल करने के लिए किया था. सिविल सेवा परीक्षा में कम नंबर हासिल करने के बाद भी रियायतों की वजह से पूजा खेडकर ने परीक्षा पास कर ली.
IAS पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों के कारण खेडकर का ट्रांसफर किया है. पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूजा खेडकर की शिकायत की थी. अब उन्हें वाशिम जिले की एडिशनल असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्ति मिली है.
पुणे में अपने प्रोबेशन के दौरान पूजा खेडकर ने कई विशेषाधिकारों की मांग की थी, जो प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलते. इस दौरान पूजा खेडकर ने लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया, अपनी गाड़ी पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड लगाया और एक आधिकारिक कार, आवास, एक ऑफिस रूम और अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की. यहां तक ​​कि उन्होंने एडिशनल कलेक्टर की अनुपस्थिति में उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया. डॉ. खेडकर के पिता रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं, उन्होंने कथित तौर पर जिला कलेक्टर के कार्यालय पर पूजा की मांगों को पूरा करने के लिए दबाव डाला. इतना ही नहीं, उन्होंने धमकी भी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो इसके लिए परिणाम भुगतने होंगे.
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