इरादे नेक हों और मेहनत से कोई गुरेज न हो तो समस्याएं आपका रास्ता नहीं रोक सकती...

मददगारों की इस दुनिया में कमी नहीं है।

Update: 2023-05-05 06:18 GMT

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रायपुर (आईएएनएस)| इरादे नेक हों और मेहनत से कोई गुरेज न हो तो समस्याएं आपका रास्ता नहीं रोक सकती। मददगारों की इस दुनिया में कमी नहीं है। ऐसी ही कहानी है छत्तीसगढ़ के रायपुर के मोहित की। जिसकी आंखों की रोशनी धुंधली पड़ गई है, मगर सपने बड़े हैं, आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और आईआईएम अहमदाबाद में चयन हो गया। फीस के लिए रकम नहीं थी तो राज्य के मुखिया भूपेश बघेल ने उसकी इस मुसीबत को भी आसान बना दिया। मोहित जेनेटिक बीमारी रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा से जूझ रहे हैं, इस बीमारी में धीरे-धीरे आंखों की ज्योति कम होती जाती है। वहीं उनकी बहन को बिलकुल भी दिखाई नहीं देता है। मोहित की आंखों में लगभग पचास प्रतिशत रोशनी है। उसका अभी हाल ही में आईआईएम अहमदाबाद के लिए चयन हुआ है, लेकिन उसके पास फीस भरने के लिए रकम नहीं है, दो साल की फीस 25 लाख रुपये है।
एक तरफ आंखों की रोशनी की समस्या और दूसरी ओर आर्थिक संकट के बीच मोहित ने अपनी बहन के साथ मुख्यमंत्री बघेल से मुलाकात की। मुस्कान ने अपनी पारिवारिक स्थिति और बीमारी का मुख्यमंत्री से जिक्र किया। मुख्यमंत्री बघेल ने मुस्कान व मोहित से कहा, आपके सपने जरूर पूरे होंगे। फीस की चिंता भूल जाओ और खूब मन लगाकर पढ़ाई करो। मुख्यमंत्री ने मोहित की फीस के लिए 25 लाख रुपये प्रदान करने के संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मोहित ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे रायपुर के रहने वाले हैं। उनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। आंखों की जेनेटिक बीमारी के बावजूद वे पढ़ना चाहते हैं ताकि अपने जैसे बच्चों के लिए कुछ कर सकें। भारत के शीर्ष संस्थान आईआईएम अहमदाबाद के एंट्रेंस- कैट में उनका 99.93 फीसदी अंकों को साथ चयन एमबीए के लिए हुआ है। वहां दो साल की फीस लगभग 25 लाख रुपये है। इतनी बड़ी रकम देना उनके लिए सम्भव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने भाई-बहन मोहित और मुस्कान से कहा कि आपने कड़ी मेहनत से ये सफलता प्राप्त की है। आप फीस की चिंता हमारे ऊपर छोड़ दीजिए और पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाइए। कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर आपका सपना पूरा करेंगे।
मुस्कान ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे भी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं। साथ ही साथ वे और मोहित 'रे ऑफ होप' नाम से प्रोजेक्ट चलाते हैं। जिसके तहत वे देश और विदेश के विजन की समस्या से जूझ रहे लगभग 200 लोगों को मेंटल मैथ्स और इंग्लिश ऑनलाइन पढ़ाते हैं। वे आगे इस काम को और आगे ले जाना चाहते हैं।
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