दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Elon Musk vs Twitter) के बीच की लड़ाई अब कोर्ट में लड़ी जाएगी. 44 बिलियन डॉलर की डील रद्द होने के मामले अमेरिका की कोर्ट ने पांच दिवसीय सुनवाई के लिए अक्टूबर का महीना तय किया है.
इसे मस्क के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि मस्क कोर्ट से फरवरी में मुकदमा शुरू करने की अपील कर रहे थे. इसके उलट ट्विटर ने अदालत से सितंबर में ट्रायल चलाने का अनुरोध किया था. ट्विटर की अपील का मस्क की टीम ने विरोध किया था, लेकिन अंत में कोर्ट ने सितंबर से केस चलाने की अनुमति दे दी.
ट्विटर कंपनी डील कैंसिल करने पर पिछले हफ्ते ही मस्क के खिलाफ कोर्ट पहुंची थी. माइक्रोब्लॉगिंग साइट की कार्रवाई को मस्क ने कोर्ट के जरिये डील करवाने का दबाव बनाने का तरीका बताया है.कोर्ट के फैसले के बाद ट्विटर के शेयर में बढ़ोतरी देखी गई. दोपहर में 3.6% बढ़कर शेयर का रेट 39.81 डॉलर हो गया. डेलावेयर के जज ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया कंपनी डील की अनिश्चितता की हालत में त्वरित समाधान की हकदार है. डेलावेयर के कोर्ट ऑफ चांसरी की चांसलर कैथलीन मैककॉर्मिक ने कहा दोनों पक्ष चाहते तो इस ट्रायल को रोक सकते थे. उन्होंने आगे कहा कि मुकदमे में देरी करने पर कंपनी को भारी नुकसान होने का खतरा है.
बता दें कि मस्क ने जैसे ही ट्विटर के साथ डील कैंसिल की थी, कंपनी के शेयर बुरी तरह टूट गए थे. 12 जुलाई को कंपनी के शेयर में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आने से निवेशकों के 3.2 अरब डॉलर साफ हो गए थे. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ट्विटर शेयर (Twitter Stocks) अप्रैल में दिए गए 54.20 डॉलर प्रति शेयर के मस्क के ऑफर से काफी नीचे पहुंच गए थे.