सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी की अस्थियां गंगा में विसर्जित, बेटियों ने किया नम आंखों से नमन
नई दिल्ली: सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां हरिद्वार पहुंची। बेटियों ने नम आखों से वीआइपी घाट पर गंगा में उनकी अस्थियां विसर्जित कीं। जनरल बिपिन रावत के स्वजन करीब 11 बजे वीआइपी घाट पर पहुंच गए थे। बड़ी संख्या में लोग भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए घाट पर पहुंचे। पर, उन्हें बाहर ही रोक दिया गया है। यहां तक कि मीडिया कर्मियों के लिए भी बाहर से ही कवरेज की व्यवस्था की गई। अंदर केवल जनरल बिपिन रावत के स्वजन और सेना के अधिकारी ही गए।
दिल्ली से सुबह छह बजे सेना का विशेष विमान सीडीएस बिपिन रावत की अस्थियां लेकर जौलीग्रांट के लिए रवाना हुआ। जौलीग्रांट हवाई अड्डे से सड़क मार्ग से ससम्मान अस्थियां हरिद्वार लाई गईं। वीआइपी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी अस्थियां गंगा में विसर्जित कर दी जाएंगी। इसके लिए घाट पर सुबह ही सेना की टुकड़ियां भी पहुंच गई थीं। साथ ही सेना का बैंड भी पहुंचा।
उत्तराखंड के गौरव भारत के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए नगर निगम ऋषिकेश उनकी स्मृति में द्वार का निर्माण कराएगा। देश के दिंवगत सर्वोच्च सैन्य अधिकारी के नाम पर नाम गढ़वाल मंडल तथा चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार तीर्थनगरी में ऋषिकेश नगर निगम की सीमा के प्रराम्भ स्थल ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर स्मृति द्वार बनाए जाने की महापौर अनिता ममगाईं ने घोषणा की है। इसके लिए महापौर ने निगम के पार्षदों तथा अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण भी किया।