समाज के लिए खतरनाक है आरोपी, कोर्ट ने ये कहते सुनाई मौत की सजा

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Update: 2023-02-07 02:25 GMT

सोर्स न्यूज़    - आज तक  

एमपी। इंदौर में 7 साल की बच्ची की हत्या करने में मामले में कोर्ट ने दोषी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई. आजाद नगर में रहने वाले सद्दाम ने बुरी नीयत से बच्ची का अपहरण किया था और दुष्कर्म में नाकाम रहने के बाद चाकू घोंपकर मासूम को मौत के घाट उतार दिया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सुरेखा मिश्रा ने सद्दाम (31) को मौत की सजा सुनाई और उस पर 9000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जबकि मृतक बच्ची के परिवार को सरकारी खजाने से मुआवजे के रूप में 3 लाख रुपये देने का आदेश दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा, "आरोपी ने जिस बर्बर तरीके से अमानवीयता की हदें पार करते हुए यह अपराध किया है, उससे यह साफ होता है कि आरोपी पूरे समाज के लिए खतरनाक है, समाज के लिए अभिशाप है और उसका पुनर्वास संभव नहीं है."

श्रीवास्तव ने कहा, "सद्दाम ने 23 सितंबर 2022 को बलात्कार के इरादे से सात साल की बच्ची का अपहरण कर लिया, जब वह आज़ाद नगर इलाके में अपनी दादी के घर के पास खेल रही थी. वह उसे अपने घर ले गया, लेकिन उसके शोर मचाने पर उसका बलात्कार करने में विफल रहा. गुस्से में उसने उसे 29 बार चाकू मारा और उसकी हत्या कर दी." श्रीवास्तव ने कहा कि अदालत में मुकदमे के दौरान बचाव पक्ष का सबसे बड़ा तर्क यह था कि सद्दाम की मानसिक हालत ठीक नहीं है और कथित मानसिक बीमारी का इलाज चल रहा है. लेकिन हमने इस दलील के खिलाफ अदालत में कहा कि जब सद्दाम ने बच्ची को अगवा किया, तब वह एक लड़के के साथ खेल रही थी, लेकिन उसने दोनों बच्चों में से लड़की को ही अगवा किया क्योंकि उसका इरादा लड़की के साथ दुष्कर्म करना था। अदालत ने हमारे इस तर्क पर गौर किया.

अपराध करने के बाद सद्दाम अपने घर से बाहर निकला और चश्मदीदों को धमकाते हुए बोला था कि अगर किसी भी शख्स ने उसके जुर्म की जानकारी पुलिस को दी, तो वह उसकी भी हत्या कर देगा. आजाद नगर इलाके में एक मस्जिद में लगे सीसीटीवी कैमरे में सद्दाम द्वारा लड़की का अपहरण करने की फुटेज कैद हो गई, जिससे अपराध को निर्णायक रूप से साबित करने में मदद मिली. सद्दाम के कब्जे से बरामद चाकू पर उसकी अंगुलियों के निशान पाए गए थे और मामले की डीएनए रिपोर्ट में भी बालिका के अपहरण और हत्या में उसके शामिल होने की पुष्टि हुई. विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौड़ ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने सद्दाम के अपराध को साबित करने के लिए अदालत में 23 गवाह पेश किए, जिसमें एक 12 वर्षीय लड़का भी शामिल है.

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