कोर्ट में आरोपी को मिला बर्थडे गिफ्ट, इस बात को सुनकर जज साहब बोले - जाओ तुम्हें रिहा किया..

मानवीय फैसला

Update: 2021-04-06 14:15 GMT

नालंदा किशोर न्याय परिषद ने एक मानवीय फैसला सुनाया। आरोपी को बर्थडे का गिफ्ट भी मिल गया। दरअसल पड़ोस में किसी शख्स से उसकी मां झगड़ा कर रही थी। जैसे मामूली बातों पर पड़ोसी झगड़ पड़ते हैं। इसमें नाबालिग बेटा, मां की तरफ से झगड़ा करने लगा। मामला कोर्ट तक पहुंच गया। अपने अजीबोगरीब और समाज को नई दिशा देनेवाला नालंदा किशोर न्याय परिषद ने एक बार फिर से अहम फैसला दिया। कोर्ट में किशोर ने कहा कि 'सर आज मेरा जन्मदिन है और मैं पूरे 18 साल का हो गया। मेरे खिलाफ किसी थाने या कोर्ट में और कोई दूसरा मुकदमा लंबित नहीं है। मैं एक दवा दुकान में नौकरी करता हूं, कोर्ट में आने के बाद मेरा उस दिन का वेतन काट लिया जाता है। मुझे परिवार चलाने में काफी परेशानी होती है। मुझे माफ कर दिया जाए।'

कोर्ट ने जब इतना सुना तो उसके बाद, उसकी मां से पूछताछ की। जहां मां ने भी बताया कि पड़ोस के किसी व्यक्ति के साथ कहासुनी हुई थी। जिसको लेकर उन्होंने केस किया था। उनका बेटा अब ठीक से रहता है। इतना सुनते ही जज मानवेंद्र कुमार मिश्र ने कागजातों पर निगाह डाली। जिसके बाद उसे रिहा करने का आदेश सुना दिया। साथ ही उन्होंने हिदायत भी दी कि भविष्य में किसी भी तरह का आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं रहना। तुम वयस्क हो चुके हो। इस फैसले पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य धर्मेंद्र कुमार और उषा कुमारी ने भी सहमति दी।

आरोपी किशोर बिहार थाने के एक मोहल्ले का निवासी है। जहां पड़ोस के एक व्यक्ति से उसकी कहासुनी और गाली-गलौज हुई थी। इसमें आरोपी किशोर अपनी मां को मारपीट में शामिल देख, मदद करने गया था। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पाया कि मामला किशोर न्याय परिषद में 7 महीने से लंबित है। इस दौरान पुलिस ने मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया। अपराध साधारण प्रकृति का है। इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए किशोर को आरोप मुक्त कर दिया।

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