नई दिल्ली (आईएएनएस)| भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि महिला आरक्षण बिल की हमारे देश में चर्चा तो बहुत लंबे समय से हो रही है, लेकिन कानून नहीं बन पाया। 1996 में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास हो चुका है। उन्होंने कहा कि "27 साल से हम सिर्फ महिला आरक्षण बिल पर चर्चा ही कर रहे हैं, महिला आरक्षण बिल अभी तक लोकसभा में पास नहीं हुआ है, लटका ही हुआ है। 1996 से लगातार महिला आरक्षण बिल को लाने की कोशिश अलग-अलग सरकारों ने की है। मैं सब सरकारों का धन्यवाद देती हूं और विशेष रूप से मैडम सोनिया गांधी जो बहुत सहायक थीं, उन्होंने महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा तक पहुंचाया। देश भर की सभी महिलाओं की ओर से सच में उनके साहस को सलाम करती हूं।"
आगे कविता ने कहा कि "क्योंकि उस वक्त सोनिया गांधी गठबंधन की सरकार केंद्र में चला रही थी। गठबंधन की सरकार में भी उन्होंने महिला आरक्षण बिल को लाने का बहुत अच्छा प्रयास किया। उसके बाद वाजपेई जी की सरकार आई, उन्होंने भी कोशिश की लेकिन महिला आरक्षण बिल पास नहीं हुआ। अंत में सोनिया गांधी के प्रयासों से ही महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास हुआ है। लेकिन तब से लेकर आज तक महिला आरक्षण बिल ठंडे बस्ते में ही पड़ा हुआ है।"
"2013 में जब नरेंद्र मोदी जी पूरे देश में चुनावी प्रचार कर रहे थे, तब उन्होंने पूरे देश से देश की महिलाओं से वादा किया था कि वह महिला आरक्षण बिल लायेंगे और भारतीय जनता पार्टी के 2013 के चुनावी मेनिफेस्टो में भी यह था। जब नरेंद्र मोदी 2014 में चुनाव जीत गए उसके बाद महिला आरक्षण बिल पर चुप्पी साध ली। उसके बाद 2018 के चुनावी प्रचार में वापस नरेंद्र मोदी जी ने महिला आरक्षण बिल को लाने का पास कराने का वादा किया था। और फिर नरेंद्र मोदी जी वापस भारी बहुमत से जीते और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी लेकिन तब से लेकर आज तक भारतीय जनता पार्टी के किसी भी नेता ने महिला आरक्षण बिल पर कोई बात नही की है।"