बंगाल। ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी, शुभेंदु अधिकारी और सुकांता मजूमदार जैसे तमाम लोगों ने पश्चिम बंगाल में टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास कर लिया है. ममता बनर्जी के 92 अंक आए तो शुभेंदु अधिकारी को 100 नंबर मिले. यहां तक कि इस लिस्ट में दिलीप घोष और सुजान चक्रवर्ती के नाम भी शामिल हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन नेताओं को आखिर TET परीक्षा पास करने की जरूरत क्यों पड़ी? तो आईए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है?
पश्चिम बंगाल में टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) का पिछले दिनों रिजल्ट आया है. लेकिन मेरिट लिस्ट में जो नाम थे, उन्हें देखकर हर कोई हैरान रह गया. इस लिस्ट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी, सुकांता मजूमदार समेत तमाम नेताओं के नाम थे. ऐसे में कुछ वकीलों ने इस मामले को कोलकाता हाईकोर्ट के सामने उठाया और इस मामले में जांच की मांग की.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में टीचर्स जॉब घोटाले को लेकर राजनीति गर्म है. इस घोटाले में बंगाल के कई मंत्रियों और नेताओं के नाम हैं. इसी बीच टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करने वालों में नेताओं का नाम देखकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया. चौंकाने वाली बात ये है कि इस लिस्ट में अमित शाह का नाम भी शामिल है. कुछ वकीलों ने इस मामले को कोलकाता हाईकोर्ट के सामने उठाया और जांच की मांग की है. वकीलों की मांग है कि यह जांच की जाए कि लिस्ट में शामिल नाम परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के हैं, या नहीं.
बीजेपी सांसद और प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल में शिक्षा का ये स्तर है. राज्य में भ्रष्टाचार जोरों पर है और शिक्षा का स्तर बेहद खराब है. यह दुखद स्थिति है. उन्होंने ममता बनर्जी को टैग करते हुए पूछा कि परीक्षार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करना कब बंद किया जाएगा? दरअसल, पश्चिम बंगाल के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने 11 नवंबर को TET परीक्षा में पास होने वाले छात्रों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में 125000 उम्मीदवारों के नाम हैं. इसमें अमित शाह, ममता बनर्जी जैसे तमाम बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं. लिस्ट में अभिषेक बनर्जी का नाम 5 बार है. यहां तक कि लिस्ट में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का भी नाम है.
लिस्ट सामने होने के बाद नेताओं के नाम देखकर हर कोई हैरान रह गया. हालांकि, प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने इसे संयोग माना है. प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल ने कहा, "ये नाम संयोग से बंगाल के राजनेताओं से मिलते-जुलते हैं. इनका उन उम्मीदवारों से कोई लेना-देना नहीं है.