आदमखोर बाघ का आंतक: 160 ट्रैप कैमरे,21 गांव में दहशत और पिंजरे में बैठे कर्मचारी, पढ़े ये खौफनाक खबर

Update: 2020-10-19 10:13 GMT

महाराष्ट्र में चंद्रपुर के राजुरा तहसील में आरटी1 नामक आदमखोर बाघ ने आतंक मचाया हुआ है जो अब तक आठ लोगों की जान ले चुका है. इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक नया तरीका निकाला है.

वन विभाग ने अपने ही कर्मचारियों को पिंजरे में बैठने का फरमान जारी किया है. वन विभाग के मुताबिक, जंगल में दो अलग पिंजरे लगाए गए हैं. एक में कर्मचारी बैठेंगे और दूसरे पिंजरे में बाघ के आते ही रस्सी खींच कर बाघ को पकड़ा जाएगा.

इसके लिए आठ घंटे की तीन शिफ्ट में दो-दो कर्मचारी पिंजरे में बैठाए जाएंगे और इनके पूरी तरह सुरक्षित होने की जानकारी वन विभाग के अधिकारी दे रहे हैं.

अब तक आठ किसानों को मारने वाले इस बाघ ने कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया हुआ है तो कई लोगों को घायल भी किया है. RT 1 बाघ के बढ़ते आतंक को देखते हुए इस बाघ को गोली मारने की मांग जोर पकड़ने लगी है.

इसके लि‍ए वन विभाग के खिलाफ मोर्चे निकाले गए. इलाके के 21 गांव इस बाघ की दहशत से जूझ रहे हैं. किसान खेत में नहीं जा रहे हैं, गांव सुनसान हैं, लोग डरे हुए हैं.

वन विभाग के कर्मचारी पिछले 7 महीनों से इस बाघ को पकड़ने के लिए रात दिन जंगल में गश्त लगा रहे हैं. करीब 160 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. इसके बावजूद वन विभाग इस बाघ को पकड़ने में नाकामयाब रहा है.

अब जंगल में पिंजरे लगाए गए हैं और झाड़ियों में छि‍पाये गए एक पिंजरे में वन कर्मचारियों को बैठाया जा रहा है. बाघ के भ्रमण मार्ग पर बने पुल के नीचे दूसरा पिंजरा बनाया गया है. दूसरे पिंजरे के गेट की रस्सी वन कर्मचारियों के हाथ में रहेगी. जैसे ही बाघ पिंजरे में आएगा, वन कर्मचारी के रस्सी खींचते ही पिंजरे का गेट बंद हो जायेगा और बाघ पिंजरे में कैद हो जाएगा.

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