कोरोना की दूसरी लहर का आंतक: इस राज्य में 791 महिलाएं हुईं विधवा, महिला आयोग की रिपोर्ट
नई दिल्ली. कोरोना महामारी की दूसरी लहर दिल्लीवालों पर कहर बनकर टूटी. महामारी की वजह से कई लोगों ने अपनों को खोया. खासकर असंख्य परिवारों की महिलाएं इस कारण अपने पतियों को खो बैठीं. दिल्ली महिला आयोग ने महामारी के कारण अपने पतियों को खोने वाली ऐसी महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाई है और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. आयोग के मुताबिक राजधानी दिल्ली में ऐसी 791 महिलाएं हैं, जो कोरोना महामारी की वजह से विधवा हो गईं. आयोग ने इन महिलाओं के बारे में सोशल सर्वे कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है.
दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक आयोग की ग्राउंड पंचायत टीम ने जगह-जगह घूमकर महामारी में विधवा हुईं महिलाओं के बारे में जानकारी जुटाई. रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दिल्ली में ऐसी 791 महिलाएं चिह्नित की गई हैं. आयोग की टीम ने महिलाओं का सोशल सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ये सोशल सर्वे रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और समाजिक कल्याण विभाग को भेजी है.
मोहल्लों में जाकर किया सर्वे
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी द्वारा शुरू की गई ये योजना एक अच्छी पहल है. कोरोना महामारी में कई परिवारों ने अपनों को खोया है. हमने अपनी महिला पंचायत टीमों को मोहल्ला-मोहल्ला भेज 791 ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया जो कोरोना के चलते विधवा हुईं. हम सरकार को इन सब महिलाओं की सोशल सर्वे रिपोर्ट भी सौंप रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐसे सभी परिवारों को सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना की घोषणा की है. हमने इसलिए यह रिपोर्ट सौंपी है, जिससे सरकार को इन महिलाओं तक योजना का लाभ पहुंचाने में आसानी हो.
इन महिलाओं का जल्द हो टीकाकरण
स्वाति मालीवाल ने कहा कि इन महिलाओं का वैक्सीनेशन प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की ये योजना इन सब महिलाओं की सहायता करने में बेहद लाभदायक साबित होंगी. आयोग द्वारा चिन्हित महिलाओं का सोशल सर्वे इन महिलाओं के पुनर्वास में काम आएगा और सरकार की योजना इन महिलाओं तक पहुंचाने में भी मदद करेगा. आयोग ऐसी और विधवा महिलाओं को ढूंढने की प्रक्रिया में है, जिन्होंने अपने पति को करोना महामारी के द्वारा खोया है.
सोशल सर्वे की मुख्य बातें
- आयोग की जानकारी के अनुसार 791 चिह्नित महिलाओं में से 774 (97.85%) के बच्चे हैं. 360 महिलाओं के 3-5 बच्चे हैं तो वहीं 30 महिलाओं के 5 से अधिक बच्चे हैं.
- चिह्नित महिलाओं में से 734 महिलाएं (92.79%) 18-60 वर्ष की आयु के बीच हैं तो बाकी सीनियर सिटिजन हैं. 191 महिलाएं 18-35 वर्ष की आयु के बीच की हैं.
- 971 महिलाओं में से 721 हाउसवाइफ हैं, तो वहीं बाकी महिलाएं घरेलू सहायिका, लेबर, छोटे बिज़नेस, प्राइवेट एवं सरकारी जॉब में कार्यरत हैं.
- चिह्नित महिलाओं में से 28.57% के पास आय का कोई स्रोत नहीं है, वहीं लगभग 60% महिलाओं की मासिक आय 15,000 या उससे कम है.
- सर्वे में यह भी पाया गया कि चिह्नित महिलाओं में से 597 ने अब तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है. इसके लिए आयोग ने सरकार से मांग की है कि वह सभी जिलों के डीएम को आदेश दे, ताकि इन महिलाओं को जल्द से जल्द टीका लगवाया जा सके.