कोरोना से भयावह स्थिति: शमशान में शवों की कतार, कागजों में कम, देखें वीडियो

Update: 2021-04-08 12:06 GMT

फाइल फोटो 

कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले रखा है. गुजरात में भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. राज्य में सिर्फ संक्रमितों की संख्या ही नहीं बढ़ रही, बल्कि मृतकों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. सरकारी अस्पताल और श्मशान गृह पर हालात भयावह हैं.

यहां सरकारी आंकड़ों में भले ही 10 से 15 लोगों के मौत की बात कही जा रही है, लेकिन श्मशान और कोविड अस्पताल के डेड बॉडी स्टोरेज कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.
दरअसल, अहमदाबाद में सिविल अस्पताल डेड बॉडी स्टोरेज लाशों से भरा पड़ा है और हर घंटे में लाशों में बढ़ोतरी हो रही है. न्यूज़ ;चैनल आजतक की टीम जब सिविल अस्पताल के डेड बॉडी स्टोरेज पहुंची तो लोगों की भीड़ दिखाई दी. लोगों से बात करने पर पता चला कि कई लोग तो 3-3 घंटों से कोविड अस्पताल के बाहर अपने प्रियजन का शव लेने के लिए खड़े हैं. अस्पताल स्टाफ द्वारा उन्हें बताया गया है कि अभी एंबुलेंस ही खाली नहीं, क्योंकि एंबुलेंस 24 घंटे अस्पताल से श्मशान गृहों के चक्कर लगा रही है.
तो वहीं सूरत का एक वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो श्मशान गृह का है जहां अंतिम संस्कार करने के लिए लाइन लगी हुई है. कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा हालात सूरत और अहमदाबाद में ही खराब हैं. इस वीडियो की सत्यता की जांच के लिए टीम सूरत के इसी श्मशान गृह में पहुंची. यहां अंतिम संस्कार के लिए इतनी भीड़ है कि लोगों को चार से पांच घंटे तक वेटिंग में खड़े रहना पड़ रहा है.
पिछले 24 घंटों के हालात की बात करें तो अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में 7, सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में 7, राजकोट कॉर्पोरेशन में 2 और वडोदरा कॉर्पोरेशन में 1 मौत दर्ज हुई है. पूरे गुजरात में पिछले 24 घंटे में 17 मौत हुई हैं. सूरत की तस्वीर तो कोरोना के मामले में इतनी भयावह है कि अस्पताल में अब मरीजों के लिए बेड नहीं हैं और श्मशान गृह में अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग चल रही है.
अश्वनी कुमार श्मशान गृह में शव के अंतिम संस्कार करने के लिए शव कतार में रखे हैं. लोगों को तीन से चार घंटे तक अपने मृतक परिजन के अंतिम दाह के लिए राह देखनी पड़ रही है. ये हालात सिर्फ अश्वनी कुमार श्मशान गृह का नहीं बल्कि शहर के उमरा और कुरुक्षेत्र श्मशान गृह का भी यही हाल है.
कतार में रखे शव कर रहे अंतिम संस्कार का इंतजार: सूरत में आलम यह है कि एक शव वाहन जाता है तो कुछ ही देर में दूसरा वाहन शव लेकर पहुंच रहा है. कतार में रखे गए शवों में कोविड मरीजों के शव एक अलग जगह रखे जाते हैं और बारी-बारी से उनका अंतिम संस्कार किया जाता है. वहीं, प्राकृतिक रूप से मृत्यु पाए लोगों का अंतिम संस्कार करने के लिए परिजन टोकन लेकर इंतजार करते नजर आते हैं. यहां का नजारा देखकर स्थिति अत्यंत गंभीर नजर आती है.
सूरत जिला प्रशासन की ओर से घोषित किए गए आंकड़ों में कोरोना के चलते एक दिन में 8 से 10 लोगों की मौत हो रही है जबकि श्मशान गृहों में रोजाना 30 से 40 शव लाए जा रहे हैं. अपने परिजन का अंतिम संस्कार करने आए धर्मेश ने बताया कि श्मशान की परिस्थिति देखकर बेहद दुख हो रहा है.
स्थानीय भाजपा विधायक हर्ष संघवी भी अस्पताल और श्मशान गृह की अव्यवस्थाओं को मान रहे हैं. उनका कहना है कि जो कमियां नजर आ रही हैं उसे पूरा किया जा रहा है. अस्पतालों में बेड से लेकर वेंटिलेटर तक और नए कोविड अस्पताल से लेकर अधिक स्टाफ तक की व्यवस्था की जा रही है.


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