नई दिल्ली: संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा में 9 सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। शुक्रवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन इन सभी नौ सांसदों को राज्यसभा ने विदाई दी। जिन सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हैं।
हालांकि इस कार्यकाल के तुरंत बाद एक नए कार्यकाल के तौर पर उनका राज्यसभा में आना तय है। विदेश मंत्री जयशंकर के अलावा दिनेश चंद्र जेमलभाई अनावादिया और लोखंडवाला जुगलसिंह माथुरजी तीन भाजपा सांसद हैं जिनका कार्यकाल 18 अगस्त को समाप्त हो रहा है। वहीं तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन, डोला सेन, सुष्मिता देव, शांता छेत्री और सुखेंदु शेखर रे का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
इनके अलावा कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य का कार्यकाल भी 18 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इनमें से विदेश मंत्री एस जयशंकर, तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन, शुभेंदु शेखर रे व डोला सेन का दुबारा राज्यसभा में पहुंचना तय है। अपनी विदाई पर राज्यसभा में बोलते हुए डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सदन में यदि प्रधानमंत्री होते तो अच्छा लगता।
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह मानसून सत्र का अंतिम दिन है। उन्होंने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ से कहां कि आपसे मेरी विनती है कि आज माइक जल्दी बंद न करें। इस सदन में कई लोगों को निलंबित किया गया है, प्रिविलेज कमेटी को रेफर किया गया। लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी को निलंबित करने का विषय भी खरगे ने सगन में उठाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी जी को निलंबित किया गया है, ऐसा ठीक नहीं है, हमें लोकतंत्र की रक्षा करनी है।
सांसदों को विदाई देने के बाद राज्यसभा में एक बार फिर मणिपुर को लेकर हंगामा शुरू हुआ। विपक्ष के सदस्यों ने सभापति के आसन के समीप आकर 'मणिपुर मणिपुर', 'प्रधानमंत्री जवाब दो' के नारे लगाए। सदन में बढ़ते हंगामे के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही भी पूरी नहीं की जा सकी और सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।