भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खियां, मंत्री बोले- आपराधिक साजिश के पीछे पीएम मोदी के करीबी में से एक

Update: 2024-10-30 02:39 GMT
नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच तनाव बरकरार है और यह दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही जा रहा है. कनाडाई हाई कमिश्नर्स को सस्पेंड किए जाने और भारत के अपने अधिकारियों को वापस बुलाने के बाद से हालात और भी खराब हुए हैं. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत ने अपना रुख कई बार स्पष्ट किया है और कनाडा के आरोपों का खंडन किया है. अब एक नया दावा ये किया गया है कि "कनाडा में आपराधिक साजिश के पीछे मोदी के करीबी लोगों में से एक हैं."
कनाडा विदेश मामलों के उप मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को सांसदों से कहा, "कनाडा में आपराधिक साजिश के पीछे मोदी के करीबी लोगों में से एक कनाडाई पुलिस ने आरोप लगाया है कि भारत कनाडा में हत्या और धमकी सहित बड़े अपराधों में शामिल है."
मंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने कनाडा के लोगों को डराने या मारने के लिए एक कैंपेन को ऑथोराइज किया है. डेविड मॉरिसन सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति में सांसदों के सामने गवाही देने के लिए पेश हुए थे.
मंगलवार से पहले, कनाडाई अधिकारी सिर्फ रिकॉर्ड पर यह कहते थे कि साजिश का पता "भारत सरकार के उच्चतम स्तरों" से लगाया जा सकता है. कनाडाई पुलिस के आयुक्त माइक डुहेम ने भी मंगलवार को गवाही दी.
पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस के साक्ष्यों से पता चलता है कि भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों ने भारत सरकार के लिए जानकारी इकट्ठा की, जिसका इस्तेमाल कनाडा में हिंसा को अंजाम देने के लिए आपराधिक संगठनों को निर्देश जारी करने के लिए किया गया.
उन्होंने कहा कि माउंटीज (कनाडाई पुलिस) ने साउथ एशिया समुदाय के सदस्यों, खासतौर से सिखों के लिए अलग मातृभूमि की मांग करने वाले खालिस्तान समर्थक आंदोलन के सदस्यों के लिए विश्वसनीय और आसन्न खतरों के सबूत भी जुटाए हैं.
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