हैदराबाद: तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने में बमुश्किल तीन महीने बचे हैं। ऐसे में विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने बड़े-बड़े वादों के साथ मतदाताओं के विभिन्न वर्गों को लुभाने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। किसानों, युवाओं और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों से कई वादे करने के बाद, पार्टी ने अब सत्ता में आने पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं इसके बारे में बताया है।
कांग्रेस पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार द्वारा लागू की जा रही कल्याणकारी योजनाओं के तहत विभिन्न वर्गों को मिलने वाली वित्तीय सहायता से अधिक वित्तीय सहायता का वादा कर रही है। शनिवार शाम को चेवेल्ला में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संबोधित एक सार्वजनिक बैठक में एससी, एसटी घोषणा का अनावरण किया गया। इससे जाहिर है कि पार्टी मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
खड़गे ने कहा कि तेलंगाना के लिए बहुत लोग लड़े, ये राज्य का बनना सिर्फ़ किसी एक की देन नहीं है, किसी एक आदमी ने बलिदान नहीं किया, तेलंगाना के सभी लोग तेलंगाना के लिए लड़े हैं। पर एक व्यक्ति ऐसा समझ रहा है कि उन्होंने सब कुछ किया। जो वादा केसीआर ने किया, वो वादा तो पूरा निभाया नहीं, इसलिए हम चेवेल्ला एससी एसटी घोषणा के तहत 12 प्वाइंट एजेंडा लाए हैं। हमारी सरकार आते ही वो पूरे 12 प्वाइंट को लागू करेंगे। हमने कर्नाटक में 5 वादे किए थे। सिर्फ़ 5 वादे नहीं किए, उनको अमल में ला रहे हैं और जो कांग्रेस कहती है, वो करके दिखाती है। अब हमारे वहां पर जो 5 वादे थे, एक-एक करके हम उसको निभा रहे हैं।
केसीआर हमारी 26 पार्टियों वाले गठबंधन की एक मीटिंग के लिए नहीं आए। यहां तो अपने आप को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बोलते हैं, लेकिन वहां भाजपा के साथ अंदर ही अंदर सांठगांठ करते हैं। उन्होंने कहा कि बीआरएस सरकार ने पिछले साल दलित बंधु योजना के तहत प्रत्येक एससी परिवार के लिए 10 लाख रुपये के वित्तीय अनुदान की घोषणा की थी, कांग्रेस ने 2023-24 से शुरू होने वाले पांच वर्षों के भीतर प्रति एससी, एसटी परिवार को अंबेडकर अभय हस्तम के तहत 12 लाख रुपये देने का वादा किया है।
कांग्रेस ने निजी शैक्षणिक संस्थानों और सरकार से प्रोत्साहन प्राप्त करने वाली निजी कंपनियों की नौकरियों में एससी, एसटी के लिए आरक्षण का वादा किया। पार्टी ने यह भी वादा किया है कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जाएगा। इंदिराम्मा पक्का आवास योजना के तहत प्रत्येक आवासहीन एससी और एसटी परिवार को एक आवास स्थल और आवास निर्माण के लिए 6 लाख रुपये दिए जाएंगे।
पार्टी ने पहले ही किसानों, युवाओं और बेरोजगारों के लिए घोषणापत्र के तहत कई वादों की घोषणा की थी। पार्टी ने पिछले साल किसानों के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया था जबकि मई में युवाओं और बेरोजगारों के लिए घोषणापत्र जारी किया था।
पिछले साल 6 मई को वारंगल में एक विशाल सार्वजनिक बैठक में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायथु घोषणा का अनावरण किया था। वादों में 2 लाख रुपये की ऋण माफी और प्रति एकड़ 15,000 रुपये का प्रत्यक्ष लाभ शामिल है। भूमि मालिक किसानों और किरायेदार किसानों दोनों को प्रति वर्ष 15,000 रुपये प्रति एकड़ की निवेश सहायता प्रदान करने के लिए 'इंदिरम्मा रायथु भरोसा' योजना शुरू की जाएगी। मनरेगा के तहत पंजीकृत प्रत्येक भूमिहीन खेतिहर मजदूर को प्रति वर्ष 12,000 रुपये दिए जाएंगे। इसने राज्य में किसानों द्वारा उगाई गई सभी फसलों को बेहतर एमएसपी के साथ खरीदने का वादा किया।
कांग्रेस पार्टी ने बंद चीनी मिलों को फिर से खोलने और टरमेरिक हल्दी बोर्ड स्थापित करने का भी वादा किया। प्राकृतिक आपदाओं या अन्य कारणों से फसल के नुकसान को कवर करने के लिए एक बेहतर फसल बीमा योजना शुरू की जाएगी। कृषि कार्य को भी मनरेगा योजना में एकीकृत किया जाएगा। विपक्षी दल ने बीआरएस सरकार द्वारा शुरू किए गए धरणी पोर्टल को यह कहते हुए खत्म करने का भी वादा किया कि यह किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है। इसके बजाय वह एक नई राजस्व प्रणाली लाने की योजना बना रही है।
इस साल 9 मई को हैदराबाद में एक सार्वजनिक बैठक में प्रियंका गांधी ने युवा चार्टर जारी किया था। इसमें बेरोजगारी भत्ते के रूप में 4,000 रुपये का वादा किया गया था। कांग्रेस पार्टी ने सरकारी विभागों में 2 लाख रिक्तियां भरने, वार्षिक नौकरी कैलेंडर और एक-एक सरकारी नौकरी और तेलंगाना के शहीदों के परिवारों के लिए पेंशन का भी वादा किया। अब एससी, एसटी घोषणापत्र लॉन्च करने के बाद पार्टी पिछड़े वर्गों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए भी ऐसी ही घोषणाओं पर काम कर रही है। पार्टी अगले महीने अपना घोषणापत्र घोषित करने की योजना बना रही है। बता दें कि 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने वाले हैं।