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रात 1 बजे सड़कों पर भटकते रहे बिहार के पर्यावरण मंत्री
वाराणसी/पटना. बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव को देर रात उस समय असहज परिस्थितियों से जूझना पड़ा जब उनका सामान वाराणसी के एक होटल ने बाहर निकाल दिया गया. रात 1 बजे होटल प्रबंधन ने बिना किसी पूर्व सूचना या जानकारी के तेजप्रताप का सामान होटल के रिसेप्शन पर रख दिया. घटना के वक्त तेजप्रताप अपने दोस्तों के साथ अस्सी घाट घूमने गए थे. जब वे लौटे तो उन्होंने अपना सामान बाहर पड़ा पाया. इसके बाद उनके निजी सहायक मिशाल सिन्हा ने सिगरा थाने में इसकी लिखित शिकायत की.
यह है पूरा मामला
तेजप्रताप अपने निजी दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे. वे सिगरा क्षेत्र के अरकेडिया होटल में रुके थे. होटल में 2 रूम बुक कराए गए थे. एक तेजप्रताप के लिए और दूसरा उनके स्टाफ के लिए.
होटल प्रबंधन बोला- मंत्री जी कंफ्यूज हो गए थे
होटल प्रबंधन का कहना है कि तेज प्रताप के नाम से 205 और 206 नंबर कमरा बुक था. दोपहर 12 बजे उन्हें कमरा खाली करना था, लेकिन उन्होंने कमरा खाली नहीं किया. उस कमरे की बुकिंग चेन्नई के एक गेस्ट ने ऑनलाइन कराई थी. वो भी निर्धारित समय पर होटल पहुंच गया.
भड़के तो बिगड़ा मामला
होटल प्रबंधन का कहना है कि हम मंत्रीजी के स्टाफ के सामने ही उनका सामान दूसरे कमरे में शिफ्ट करवा रहे थे, इस पर वे नाराज हो गए. दोनों कमरे छोड़कर गाड़ी में बैठ गए. मंत्री का कमरा आज सुबह तक उनके नाम से बुक था, लेकिन वो रात में ही चले गए. मंत्रीजी कंफ्यूज हो गए थे.
शिकायत में यह सब
शिकायत में कहा गया कि गया कि वे सुबह 11 बजे मंदिर दर्शन और अस्सी घाट पर गंगा आरती के लिए निकले थे. रात 12 बजे वापस लौटे तो उनका सामान रिसेप्शन पर मिला. बिना अनुमति के मंत्रीजी का कमरा खोला गया. जो उनकी सुरक्षा के लिए भी घातक है. इस दौरान उनका एक स्टाफ दिलावर भी मौजूद था. उसे रूम नंबर 205 से निकालकर रिसेप्शन पर बिठा दिया गया. यह काम नियम और प्रोटोकॉल के खिलाफ है. तुरंत कार्रवाई कीजिए.
कर दी बिहार की छवि खराब
इस प्रकरण पर सुशील मोदी ने कहा कि तेजप्रताप के व्यवहार से बिहार की छवि खराब हुई है. मंत्रियों के अमर्यादित आचरण और अनर्गल बयानों पर मुख्यमंत्री का कोई नियंत्रण नहीं है.