कोरोना वैक्सीन में आयु सीमा के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तहसीन पूनावाला

कोरोना वैक्सीन में आयु सीमा के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तहसीन पूनावाला

Update: 2021-04-12 14:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क:  स्तंभकार और राजनीतिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में 45 वर्ष से अधिक आयु के ही लोगों को कोविड-19 का टीका लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका में मांग की गई है कि कोरोना टीके की खुराक सभी नागरिकों को दी जाए।

अर्जी में कहा गया है, कोविड-19 संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि के बीच आयु-समूहों को लेकर यह मनमानी रोक है। यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाना जरूरी हो गया है कि टीका केवल 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए ही उपलब्ध नहीं हो बल्कि 45 वर्ष से कम आयु के ऐसे सभी व्यक्तियों के लिए भी उपलब्ध हो जिन्हें ऐसे काम पर लगाया जाता है जिससे उन्हें हर दिन बाहर जाना पड़ता है और ऐसे सभी व्यक्तियों को भी, जो अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं।'
अर्जी में कहा गया है, 'अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के बावजूद 45 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को स्वीकृत टीके की उपलब्धता पर रोक मनमानी, अनुचित है, अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है जो जीवन का अधिकार प्रदान करता है, यह अनुच्छेद 14 का भी उल्लंघन है जिसमें सभी नागरिकों के लिए समानता का अधिकार प्रदान किया गया है।' याचिका में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वह अपनी नीति में प्रभावी बदलाव करे।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने टीकाकरण के लिए दो टीकों के उपयोग को मंजूरी दी थी, कोविशील्ड और कोवैक्सीन। केंद्र ने टीकाकरण की आयु सीमा को कम कर दिया है जिससे एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग टीके ले सकते हैं। भारत में टीकाकरण के चरणों के तहत अब तक 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों, अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, चिकित्सा पेशेवरों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मी शामिल किए गए हैं।
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