मुश्किल में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी कर रहा शिक्षक, रिकवरी का आदेश निकला

बकायदा उसने सैलरी भी ली.

Update: 2023-09-14 11:24 GMT
फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला सामना आया है. यहां एक शख्स फर्जी दस्तावेज लगाकर 13 साल तक टीचर की नौकरी करता रहा. इस दौरान बकायदा उसने सैलरी भी ली. अब SIT की जांच के बाद उसे बर्खास्त किया गया है. साथ ही उसपर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. BSA ने रिकवरी के आदेश भी जारी किए हैं. 
BSA पंकज यादव के मुताबिक, फर्जी दस्तावेज के आधार पर सहायक टीचर बने से साकेत तिवारी नाम के शख्स को बर्खास्त करते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. साथ ही रिकवरी का भी आदेश दिया गया है. इस तरह का फर्जीवाड़ा कर नौकरी करने वाले 7 से 8 टीचर रडार पर हैं. उनके खिलाफ SIT द्वारा जांच की जा रही है. जांच में दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ रिकवरी भी कराई जाएगी.
बता दें की साकेत तिवारी असोथर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय दतौली में 15 सितंबर 2010 को सहायक टीचर के पद नियुक्त हुआ था. जब उसके शैक्षिक दस्तावेजों की जांच हुई तो कई अभिलेख फर्जी पाए गए थे. तत्कालीन BSA संजय कुमार कुशवाहा ने एक फरवरी 2023 को साकेत की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया था. वहीं, अब ABSA दीप्ती रिछारिया ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी लेने वाले टीचर के खिलाफ ललौली थाने में तहरीर देकर आईपीसी 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.
इस पूरे मामले में फतेहपुर के BSA पंकज यादव ने बताया 2010 से असोथर ब्लॉक में साकेत तिवारी (सहायक टीचर) कार्यरत था. साकेत के दस्तावेओं को लेकर शिकायत की गई थी. उसके शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए गए थे. अब SIT उसकी जांच कर रही है. पूर्व के बर्खास्तगी के आदेश के क्रम में आगे की कार्रवाई की जा रही है. रिकवरी का प्रोसेस भी शुरू किया जाएगा. सरकार का जो पैसा गया है (बतौर सैलरी) उसको वापस लेने का काम किया जाएगा.
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