शिक्षक गिरफ्तार, नौकरी दिलाने वाले गैंग का हुआ पर्दाफाश

खुलासा

Update: 2021-07-10 15:52 GMT

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में फर्जी दस्तावेजों के सहारे, शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है. आरोपी शिक्षकों के वेतन का भुगतान भी कराते थे. यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने इस गैंग के 5 धंधेबाजों को धर दबोचा है. एसटीएफ आरोपियों से पूछताछ कर रही है. आरोपियों की गिरफ्तारी देवरिया से हुई है. पकड़े गए 5 आरोपियों में एक शिक्षा विभाग का कर्मचारी है, दूसरा शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी का करीबी खुद को बताता था और फर्जी दस्तावेज के लिए भुगतान करवाता था. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम ओमप्रकाश मिश्र, अजीत कुमार उपाध्याय, संजय कुमार आर्य, मुन्ना यादव और राजकुमार मणि हैं.

एसटीएफ की जांच में अब तक यह बात सामने आई है कि करीब 19 शिक्षकों का फर्जी तरीके से पहले अनुमोदन पत्र तैयार कराया गया, फिर नियुक्ति कराई गई. एसटीएफ के मुताबिक आरोपी एक बड़ा रैकेट चला रहे थे. मनमानी तरीके से फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने वाले लोगों के खिलाफ योगी सरकार पहले भी एक्शन ले चुकी है.

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति में पहले भी ऐसे ही फर्जीवाड़े की खबरें सामने आ चुकी हैं. इससे पहले यूपी परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में सत्यापन के दौरान जांच शुरू हुई तो बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था. एसआईटी जांच में यह बात सामने आई थी कि 69 जिलों में कुल 5,481 शिक्षकों के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रमाण पत्र फर्जी थे, वहीं 207 शिक्षकों के प्रमाणपत्र को संदिग्ध माना गया है. पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस गैंग के तार कहां-कहां तक जुड़े हैं. यूपी एसटीएफ अन्य जिलों में भी पड़ताल करने की कोशिश कर रही है. मामले की जांच जारी है.

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