चाय बेचने वाले युवक ने पहले प्रयास में पास की नीट परीक्षा, दावा निकला झूठा, रोल नंबर भी निकला फर्जी

जानिए पूरा मामला।

Update: 2022-02-12 07:44 GMT

गुवाहाटी: असम में चाय बेचने वाले युवक राहुल दास (Rahul Das) के पहले ही प्रयास में NEET परीक्षा पास करने की कहानी फर्जी निकली है. हाल ही में राहुल की कहानी बहुत वायरल हुई थी कि उसने अपने पहले प्रयास में NEET में सफलता प्राप्त कर ली. इसको देखते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने की बात की थी.

राहुल ने बताया था कि मेरे पास किताबें खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए मैं इंटरनेट की मदद से पढ़ाई करता था. मेरी यह मेहनत रंग लाई और मैंने NEET में 12,068वां रैंक हासिल की. लेकिन मैं दिव्यांग हूं. मेरा एक हाथ खराब है. जिस वजह से मुझे सीट मिलने में और आसानी हुई.
जब इस मामले की और गहनता से जांच की गई तो पता चला कि राहुल को लेकर सामने आई जानकारी सही नहीं है. दरअसल, उसके एडमिट कार्ड और रोल नंबर में हेराफेरी हुई थी. असम पुलिस ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है कि उन्हें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है.
बजली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) धर्मेंद्र कुमार दास ने कहा, "हमें अभी तक राहुल दास के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन हम मामले की जांच कर रहे हैं.'' हालांकि सूत्रों के अनुसार, दास और उनके परिवार के सदस्य कथित तौर पर फरार हो गए हैं.
असम के सीएम ने किया था ये ऐलान
असम के बजली जिले के पटाचरकुची के 24 वर्षीय राहुल दास की कहानी ने भी राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का ध्यान आकर्षित किया था. दास की उपलब्धि से प्रभावित होकर, सीएम सरमा ने यहां तक ​​घोषणा की थी कि राज्य सरकार उनकी शिक्षा का खर्चों का उठायेगी.
एडमिट कार्ड में की गई हेराफेरी
राहुल तब सुर्खियों में आए जब समाचार रिपोर्टों में कहा गया कि उन्होंने अपने पहले प्रयास में NEET पास करके एम्स, दिल्ली में सीट हासिल कर ली है. लेकिन जल्द ही पता चला कि उनके एडमिट कार्ड में हेराफेरी की गई थी और उनके एडमिट कार्ड में रोल नंबर और जन्मतिथि के बीच समानता नहीं थी. राहुल के प्रवेश पत्र में जो रोल नंबर 2303001114 था, वो हरियाणा की रहने वाली किरणजीत कौर का था, जिन्हें AIR 11656 रैंक मिली थी.


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