एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी बन गई टाटा संस

Update: 2021-12-20 15:21 GMT

अब एअर इंडिया (Air India) की 'घर वापसी' पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अपनी मुहर लगा दी है. CCI ने सोमवार को टाटा संस ( Tata Sons) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Talace Private Limited) को एअर इंडिया के शेयरहोल्डिंग पर अधिग्रहण की मंजूरी दे दी. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने एक ट्वीट के जरिये बताया कि आयोग ने टैलेस द्वारा एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस और एअर इंडिया SATS एयरपोर्ट सर्विसेज में शेयरधारिता के अधिग्रहण को मंजूरी दी. दरअसल सरकार ने पिछले महीने ही बताया था कि जल्द ही एअर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

अधिग्रहण का रास्ता साफ

टाटा कंपनी (Tata Company) ने सरकारी एयरलाइंस कंपनी Air India को सबसे अधिक 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदी है. Air India का मालिकाना हक मिलने के बाद नए मालिक को इससे जुड़े नाम और लोगो को अभी 5 साल तक संभाल कर रखना होगा. Air India के साथ Tata Sons को उसकी सब्सिडियरी Air India Express का भी मालिकाना हक मिलेगा. Air India Express सस्ती हवाई सेवाएं देती हैं. वहीं एअर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AI-SATS में सरकार की पूरी हिस्सेदारी टाटा संस को ट्रांसफर होगी. एअर इंडिया की मालिक बनने के बाद अब Tata Sons के पास 3 एयरलाइंस हो गईं. समूह के पास पहले से Vistara और AirAisa में हिस्सेदारी है. इसी के साथ टाटा संस की एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है.

सरकार के मुताबिक 31 अगस्त 2021 तक एअर इंडिया पर कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपये का था. टाटा ने भुगतान कर 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज उतार दिया है. टाटा द्वारा इस कर्ज के उतारने के बाद अब एअर इंडिया पर कुल 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज बचा है.

गौरतलब है कि एअर इंडिया को सबसे पहले जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया था. 1946 में इसका नाम बदल कर एअर इंडिया कर दिया गया. उसके बाद साल 1954 में सरकार ने टाटा से एअर इंडिया को खरीदकर उसका राष्ट्रीकरण कर दिया. सभी कंपनियों को मिलाकर दो कंपनियां बनाई गईं, घरेलू सेवा के लिए इंडियन एयरलाइन्स, और विदेश के लिए एअर इंडिया. आजादी के वक्त देश में कुल 9 छोटी-बड़ी विमानन कंपनियां थीं.


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