बड़ी चेतावनी: हैकर्स के निशाने पर! ऐपल प्रोडक्ट्स यूज करते हैं?...चूक गए तो...मचा हड़कंप
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) की इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने iPhone, iPad के साथ ऐपल के सफारी ब्राउजर, विजन प्रो, मैकबुक्स और ऐपल वॉच यूजर्स के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है।
नई दिल्ली: ऐपल (Apple) प्रोडक्ट्स को यूज करने वाले यूजर्स के ऊपर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) की इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने iPhone, iPad के साथ ऐपल के सफारी ब्राउजर, विजन प्रो, मैकबुक्स और ऐपल वॉच यूजर्स के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है। ये प्रोडक्ट हैकर्स के निशाने पर हैं और यूजर्स के डेटा की चोरी हो रही है। 15 मार्च को अपनी पहली वॉर्निंग में CERT-In ने कहा था कि ऐपल के iOS और iPadOS में कई खतरे पाए गए हैं, जिससे हैकर यूजर के डिवाइस में आर्बिट्रेरी कोड रन कर सकते हैं और टारगेट किए गए सिस्टम की सिक्योरिटी को आसानी से चकमा दे सकते हैं।
CERT-In के अनुसार हैकिंग के खतरे के पीछे का सबसे बड़ा कारण ब्लूटूथ, मीडियारिमोट, फोटोज, सफारी और वेबकिट का गलत वैलिडेशन है। सिक्योरिटी एजेंसी ने यह भी कहा कि एक्सटेंशनकिट, शेयर शीट, मेमरी करप्शन, लॉक स्क्रीन और टाइमिंग साइड चैनल में भी प्राइवेसी से जुड़ी कई समस्याएं पाई गई हैं।
CERT-In की वॉर्निंग के अनुसार इस खतरे से उन iOS और iPad डिवाइसेज की सिक्योरिटी पर असर पड़ा है, जो वर्जन नंबर 16.7.6 से पहले वाले ओएस पर काम करते हैं। इनमें आईफोन 8, आईफोन 8 प्लस, आईफोन X, आईपैड 5th जेनरेशन, आईपैड प्रो 9.7 इंच और आईपैड प्रो 12.9 इंच 1st जेनरेशन शामिल हैं। इसके अलावा इस खतरे से 17.4 आईओएस वर्जन से पहले पर काम करने वाले आईपैड प्रो 10.5 और 11 इंच, आईपैड 3rd जेनरेशन और आईपैड एयर 6th जेनरेशन के साथ बाद वाले वर्जन भी शामिल हैं। CERT-In ने कहा कि यूजर्स को हैकिंग के खतरे से बचने के लिए अपने डिवाइसेज को लेटेस्ट वर्जन वाले ओएस से अपडेट करना होगा।
19 मार्च को CERT-In ने एडवाइजरी जारी करके कहा ऐपल के मैकबुक, विजन प्रो और ऐपल टीवी यूजर हैकर्स के निशाने पर हैं। इस खतरे से जिन डिवाइसेज को नुकसान पहुंच सकता है, उनमें ऐपल विजन प्रो, ऐपल टीवी एचडी, ऐपल टीवी 4K, ऐपल वॉच सीरीज 4 और इसके बाद वाले वर्जन और ऐपल macOS Soonoma 14 और बाद वाले ए़डिशन शामिल हैं। इन सभी में डिवाइसेज में हैकर डिनायल ऑफ सर्विस से साथ सिक्योरिटी रिस्ट्रिक्शन को बाइपास कर सकते हैं। इससे उन्हें यूजर्स के डिवाइस में मौजूद डेटा का पूरा ऐक्सेस मिल जाता है।