आदिवासियों के हित में योजनाएं लागू करने के लिए एनजीओ को शामिल करेगा जनजातीय कल्याण विभाग
चेन्नई: तमिलनाडु जनजातीय कल्याण विभाग राज्य में आदिवासियों के लिए आजीविका योजनाओं को लागू करने के लिए गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को शामिल करेगा। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि विभाग ने राज्य सरकार को गैर सरकारी संगठनों को शामिल करने और उन्हें लाभार्थियों की निगरानी करने की अनुमति देने के लिए एक पत्र लिखा है।
पत्र में विभाग ने यह भी जिक्र किया कि या तो योजना के लिए फंड सीधे चयनित गैर सरकारी संगठनों को भेजा जाता है या फंड लाभार्थियों को दिया जाता है, और गैर सरकारी संगठन परियोजना की निगरानी के लिए प्रशासनिक लागत प्रदान करते हैं।
योजना को लागू करने के लिए गैर सरकारी संगठनों को आदिवासी कल्याण विभाग के साथ सूचीबद्ध किया जाएगा और सलेक्शन उनके कर्मचारियों की संख्या, जिला और क्षेत्रीय स्तर पर बुनियादी ढांचे के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में काम करने के अनुभव के आधार पर होगा। आजीविका योजनाओं को लागू करने के लिए गैर सरकारी संगठनों के सलेक्शन के लिए राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार और मान्यताएं भी एक मानदंड होंगे।
चयनित (सलेक्टिड) गैर सरकारी संगठनों को अपने अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम भी प्रदान करने होंगे। हालांकि, विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि बहुत कम समर्पित गैर सरकारी संगठन हैं जो राज्य के दूरदराज के इलाकों में आदिवासी समुदायों के बीच काम कर रहे हैं।