चेन्नई (आईएएनएस)| तमिलनाडु पुलिस राज्य भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) कार्यालयों को सील करने जा रही है। पीएफआई को पांच साल के लिए बैन कर दिया गया है। 22 सितंबर को, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 15 राज्यों में पीएफआई और उसके नेतृत्व पर एक्शन लिया था। राष्ट्रीय एजेंसी ने उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम, राष्ट्रीय महासचिव नसरुद्दीन एलाराम, प्रो पी कोया सहित 45 लोगों की गिरफ्तारी की है।
राज्य के गृह मंत्रालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि, "तमिलनाडु के गृह सचिव जल्द ही एक सकुर्लर जारी कर पीएफआई और उससे संबद्ध संगठनों जैसे कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, वीमेन्स फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब फाउंडेशन ऑफ इंडिया के कार्यालयों को सील कर देंगे।"
तमिलनाडु पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि, "पीएफआई पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज कई मामलों में गिरफ्तारी होगी। जबकि पीएफआई पर प्रतिबंध की घोषणा की गई है, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि विचारधारा के कामकाज में कुछ समय के लिए विराम लगाने के अलावा, प्रतिबंध आमूल-चूल परिवर्तन नहीं ला पाएगा।"
एक व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल सथर ने तांबरम, चेन्नई से आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "पीएफआई ने खुद इस प्रतिबंध के लिए जमीन तैयार की थी। संगठन के कार्यों और कार्यक्रमों के कारण केंद्र ने इसे प्रतिबंधित कर दिया।"
"हालांकि, मुझे लगता है कि सिमी की तरह ही यह फिर से प्रकट हो जाएगा। ये संगठन जल्द ही एक अलग रंग और नाम में फिर से संगठित हो जाएंगे। लेकिन निश्चित रूप से, ब्रेक तो लग ही गया है। पीएफआई के पूरे शीर्ष अधिकारी सलाखों के पीछे होने से फिर से समूह बनाने की कवायद थोड़ी मुश्किल हो जाएगी।"
पीएफआई पर आईएस और बांग्लादेश में भी कट्टरपंथी संगठनों के साथ संबंध स्थापित करने का आरोप लगाया गया है।