अफगानिस्तान में मौजूद तालिबानी सरकार समावेशी नहीं, चिंता का विषय : पीएम मोदी

Update: 2021-09-17 13:50 GMT
 फाइल फोटो 

नई-दिल्ली।  SCO सम्मेलन का हिस्सा बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार खुलकर अफगानिस्तान मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं. एक तरफ उन्होंने वहां की वर्तमान स्थिति पर अपनी चिंता जाहिर की है तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने तालिबान पर भी निशाना साधा है. पीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान में मौजूद तालिबानी सरकार समावेशी नहीं है. उन्होंने कहा है कि भारत मानता है कि अफगानिस्तान में बनी तालिबान सरकार समावेशी नहीं है. बिना किसी समझौते या फिर करार के इस सरकार को बनाया गया है. वहां पर महिलाओं की सुरक्षा भी चिंता का विषय है. ऐसे में अब पूरी दुनिया को अफगानिस्तान में बनी इस नई सरकार पर सोच-समझकर कोई ना कोई फैसला लेना ही पड़ेगा. इस मामले में भारत यूएन का समर्थन करता है. पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तान में हथियारों के दम पर सरकार बनाई गई है. ऐसे में अगर जल्द ही अफगानिस्तान में शांति बहाल नहीं की गई तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.

इसी वजह से SCO सम्मेलन में मोदी ने कहा है कि अफगानिस्तान को अब आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. वहां पर शांति बहाल होना सबसे ज्यादा जरूरी है. इसके अलावा अपने भाषण के दौरान आतंकवाद पर भी विस्तार से बात की. जिस सम्मेलन में पाक पीएम इमरान खान ने भी हिस्सा लिया था, वहां पर मोदी ने दो टूक कहा कि अब दुनिया को ऐसी नीति बनाने की जरूरत है जहां पर आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी हो.

वहीं क्योंकि अभी अफगानिस्तान में तालिबान के हाथ कई अमेरिकी हथियार लग चुके हैं. ऐसे में बिना अमेरिका का नाम लिए पीएम ने कहा है कि तालिबान के पास कई अत्याधुनिक हथियार आ गए हैं. इससे अफगानिस्तान में अस्थिरता फैल सकती है. वहीं उन्हें इस बात की भी चिंता है कि तालिबानी सरकार के आने से ड्रग रैकेट और ज्यादा सक्रिय हो जाएगा, ह्यूमन ट्रैफिकिंग भी बड़े स्तर पर की जाएगी.

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