ताजमहल: आरटीआई से हुआ ये खुलासा

Update: 2022-05-30 04:51 GMT

आगरा: आगरा के ताजमहल पर जारी विवाद के बीच एक इतिहासकार ने नमाज को लेकर आरटीआई लगाई थी, जिसका जवाब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने दिया है. इस जवाब के बाद एक बार फिर ताजमहल में नमाज पर विवाद शुरू हो सकता है. इस आरटीआई को इतिहासकार राजकिशोर राजे ने दायर किया था.

नमाज को लेकर पूछे गए सवाल पर एएसआई ने कोई ब्यौरा मौजूद न होने की बात कही है. इतिहासकार राजकिशोर राजे का कहना है कि शाहजहां कालीन किसी भी ग्रंथ में नमाज का जिक्र नहीं है. शाहजहां के समय मे ताजमहल में आम लोगों के आने पर अनुमति नहीं थी, ऐसे में उस समय ताजमहल में नमाज होने का प्रश्न ही नहीं उठता.
इतिहासकार राजकिशोर राजे ने कहा कि किसी भी ऐतिहासिक स्थल पर धार्मिक गतिविधि नहीं होनी चाहिए. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही ताजमहल में नमाज पढ़ने वाले चार पर्यटकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इनमें तीन हैदराबाद और एक आजमगढ़ का रहने वाला है. इन पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज किया था.
ताजमहल का दीदार करने पहुंचे चार पर्यटकों ने शाही मस्जिद में शाम को नमाज अदा की. इस पर वहां तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने चारों पर्यटकों को हिरासत में लिया था. आरोपी पर्यटकों का कहना था कि वो सभी पढ़ाई करते हैं, उन्हें बिल्कुल भी ऐसी जानाकरी नहीं थी कि ताजमहल पर नमाज पढ़ना मना है.
इससे एक दिन पहले ही भगवा पहन कर ताजमहल देखने पहुंचे उरई के संत ने परिसर में हंगामा कर दिया. मौके पर सीआईएसएफ के अधिकारियों को बुला लिया. मामला बढ़ता देख एएसआई के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. संत मत्स्येंद्र गोस्वामी का कहना है कि ताजमहल कैंपस में देवी देवताओं की तस्वीर शौचालय के पास लगाई गई है.
संत ने मांग की कि इन तस्वीरों को वहां से हटाया जाना चाहिए, अगर उनकी मांग नहीं पूरी हुई तो वह ताजमहल पर आमरण अनशन करेंगे. मामले को संभालने के लिए एएसआई अधिकारियों ने संत मत्स्येंद्रन गोस्वामी को आश्वासन देकर ताजमहल से रवाना कर दिया. ताजमहल पर विवाद लगातार गरमा रहा है.
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