ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज, नहीं मिली कोई राहत

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Update: 2022-03-05 13:16 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली दंगों की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाके में हुई हिंसा के लिए कथित फंडिंग के मामले में ED द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी है. दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में ताहिर हुसैन को आरोपी बनाते हुए कोर्ट में दायर चार्जशीट में दंगों का मास्टर माइंड बताया था, इतना ही नहीं ताहिर हुसैन पर दंगों की साज़िश रचने के साथ साथ दंगे भड़काने के लिए कथित तौर पर फंडिंग करने का भी आरोप लगा था, दिल्ली पुलिस के बाद मामले में मनी लांड्रिंग के आरोपों की ED जांच कर रही है.

आपको बता दें कि ताहिर हुसैन 2017 के MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीते थे, लेकिन फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए दंगों के मामले में ताहिर हुसैन का नाम आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से निष्कासित कर दिया था और पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 20 अगस्त 2020 को ताहिर की सदस्यता खत्म कर दी थी.
14 मार्च को उमर खालिद की जमानत पर फैसला
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका पर आदेश कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया है. 14 मार्च को उमर खालिद की जमानत पर कोर्ट फैसला सुनाएगी. बता दें कि उमर खालिद पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत बड़ी साजिश करने का मामला दर्ज है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर खालिद के वकील ने कहा था कि अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने का मतलब यह नहीं है कि अल्पसंख्यक सांप्रदायिक है.
23 फरवरी 2020 को दिल्ली में हुए थे दंगे
उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी 2020 को अचानक दंगे भड़क गए थे. हालात इस कदर खराब हो गए थे कि दिल्ली की सड़कों पर आग भड़क उठी थी. 53 लोगों की दिल्ली दंगे के दौरान जान गई थी. वहीं, सैकड़ों लोग जख्मी हुए थे. यह दंगे उस दौरान हुए जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर थे. उमर पर व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दंगा भड़काने का आरोप है.
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