नई दिल्ली। साल 2019 में झारखंड को झकझोर देने वाले चर्चित तबरेज अंसारी हत्याकांड में दोषी ठहराए गए 10 दोषियों को दस-दस साल की सजा सुनाई। सरायकेला कोर्ट के एडीजे वन अमित शेखर की अदालत ने बुधवार को दोषियों को सजा का ऐलान किया। अदालत ने इस केस में पूर्व में दो आरोपित सत्यनारायण नायक और सुमंत महतो को पर्याप्त सबूत के अभाव में बरी कर दिया था। सभी दस दोषियों पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का आरोप थे। मालूम हो कि सरायकेला थाना अंतर्गत धातकीडीह गांव में 18 जून, 2019 को कथित तौर पर एक घर में चोरी की नीयत से घुसे तबरेज अंसारी को भीड़ ने बुरी तरह पीटा था। लोगों ने तबरेज को पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने तबरेज अंसारी को अदालत में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। बाद में सरायकेला मंडल कारागार में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उसको आनन फानन में सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया।
आखिरकार इलाज के दौरान तबरेज अंसारी ने दम तोड़ दिया था। बीते 28 जून को सरायकेला की स्थानीय अदालत ने इस मामले में 10 आरोपियों को दोषी ठहरा दिया था। अदालत ने जिन 10 आरोपियों को दोषी ठहराया था उनमें भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और महेश महाली शामिल हैं। आरोपियों में से एक कौशल महाली की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है जबकि 2 अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। मुख्य आरोपी प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू पहले से ही न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है। अदालत ने सभी दोषियों पर आर्थ दंड भी लगाया है। अदालत ने सभी को अलग-अलग 18,800 रुपये जमा करने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि तबरेज पुणे में डेलीवेज पर काम करता था। वह ईद मनाने अपने गांव धातकीडीह आया था, तभी उसके साथ यह वारदात हो गई। तबरेज की शादी को महज 54 दिन बाद ही यह घटना हुई थी। तबरेज की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने करीब 100 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि लोगों ने तबरेज अंसारी को बिजली के खंभे में बांधकर पीटा था। इस घटना की गूंज पूरे मुल्क में सुनी गई। इस मसले पर काफी राजनीति भी हुई थी।