वाराणसी: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया गया था. ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की पूजा के अधिकार को लेकर एक तरफ मामला कोर्ट में है. वहीं दूसरी तरफ पूजा के अधिकार को लेकर संघर्ष अब सड़कों पर भी आ गया है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद दर्शन पूजन की मांग को लेकर अपने मठ में ही अनशन पर हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अन्न-जल का त्याग कर दिया है. उनकी सेहत में लगातार गिरावट हो रही है. डायबिटीक बताए जा रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का शुगर लेवल 44 पहुंच गया है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की सेहत में तेजी से आई गिरावट ने उनके शिष्यों और अनुयायियों की चिंता बढ़ गई है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य ये कह रहे हैं कि कोई भी शिवलिंग की पूजा शुरू कर दे.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि वे खुद ही शिवलिंग की पूजा करने की जिद कर रहे हों. उन्होंने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की मांग ये है कि कोई भी व्यक्ति ज्ञानवापी के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा शुरू कर दे. शिवलिंग का पूजन और और भोग शुरू कर इसकी जानकारी उनको दे दी जाए.
साध्वी पूर्णाम्बा के मुताबिक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद डायबिटीज के मरीज हैं और उनका शुगर लेवल 44 तक आ गया है. उनकी सेहत में लगातार गिरावट जारी है. वे तब तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे, जब तक शिवलिंग की पूजा-अर्चना नहीं हो जाती. कहा ये भी जा रहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने 4 जून की शा से मौन व्रत भी धारण कर लिया है.
गौरतलब है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पहले ही ये ऐलान कर दिया था कि वे 4 जून को ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग का दर्शन-पूजन करेंगे. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जैसे ही अपने मठ से ज्ञानवापी के लिए निकले, पुलिस ने उन्हें मठ के गेट पर ही रोक दिया. पुलिस की ओर से रोके जाने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद वहीं धरने पर बैठ गए थे.