इंजीनियरिंग कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की संदिग्ध मौत, परिजनों का राजभवन के सामने प्रदर्शन

घर वाले इसे हत्या बता रहे हैं।

Update: 2023-09-07 08:12 GMT
रांची: तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित कारुण्या इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम करने वाले झारखंड के बोकारो निवासी समीर कुमार की मौत संदिग्ध स्थितियों में हो गई। समीर के घर वाले इसे हत्या बता रहे हैं।
समीर कुमार के शव के साथ गुरुवार को उनके परिजनों ने झारखंड में राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की। 28 वर्षीय समीर बोकारो जिले के कसमार थाना क्षेत्र के दातू गांव के रहने वाले थे। उन्होंने बीते 14 अगस्त को कोयंबटूर की कारुण्या इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर येगदान किया था।
उनका शव मंगलवार को संस्थान स्थित उनके कमरे में बेल्ट के सहारे फंदे पर झूलता पाया गया। समीर के घरवालों का कहना है कि उसकी हत्या कर शव को लटकाया गया है। वह आत्महत्या नहीं कर सकते। परिजनों के मुताबिक सोमवार को ही समीर ने इंस्टीट्यूट में वार्डन के पद पर ज्वाइन किया था। समीर यह जिम्मेदारी स्वीकार करने को तैयार नहीं थी। इसे लेकर उन्होंने एचओडी से बातचीत भी की थी। एचओडी ने एक महीने बाद विभाग बदलने का आश्वासन दिया था। सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे परिजनों की उनसे से बात हुई थी। उससे पहले शाम को वीडियो कॉल कर उन्होंने अपना कमरा भी दिखाया और बताया कि वह शिफ्ट हो गया है। रात हॉस्टल में रहने वाले सभी स्टूडेंट्स का अटेंडेंस लेने के बाद वह सोएगा।
परिजनों के अनुसार, घटना का खुलासा तब हुआ, जब वह मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे असेंबली में नहीं पहुंचे। संस्थान के कर्मी उसके कमरे पर गये तो बंद मिला। दरवाजा तोड़ने समीर का शव फंदे पर झूलता पाया गया। सूचना मिलने पर परिजन कोयंबटूर पहुंचे। आज फ्लाइट से उनका शव रांची लाया गया तो परिजनों के सब्र का बांध टूट पड़ा। उन्होंने रोते हुए राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
परिजनों ने इस मामले में एचओडी की भूमिका पर संदेह जाहिर किया है। उनका कहना है कि समीर की नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर में हुई थी। उसे जबरदस्ती वार्डन की जिम्मेदारी दे दी गई। संभव है कि इसके लिए उसके साथ बुरा सलूक भी किया गया होगा।
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