सुशील मोदी ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने पर नीतीश कुमार को घेरा, कहा- इस दलदल से निकलकर राज्यसभा चला गया
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बीजेपी से नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ने पर कहा कि उन्होंने धोखा दिया. उन्होंने आजतक से बात करते हुए बताया कि दो दिन पहले सुबह अमित शाह ने नीतीश कुमार से फोन पर जेडीयू अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह के बयान को लेकर बातचीत की तब उन्होंने कहा सब कुछ ठीक है. कहीं कोई दिक्कत नहीं है.
उन्होंने बताया कि नीतीश ने उसने कहा था कि कि जैसे आपकी पार्टी में गिरिराज सिंह हैं, वैसे ही मेरी पार्टी में ललन सिंह हैं. किसी के बयान पर ध्यान न दें. उसके बावजूद नीतीश कुमार ने एनडीए से 17 साल पुरानी दोस्ती को तोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ कि मैं इस दलदल से निकल गया और राज्यसभा पहुंच गया.
पीएम से लेकर प्रांत स्तर के नेता ने नीतीश से बात
सुशील मोदी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार से कई बार बात की. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह लगातार नीतीश कुमार के संपर्क में थे. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रदान दो-दो बार नीतीश कुमार से मिलने गए थे. हमारे प्रांत के नेता लगातार उनसे संपर्क में थे. हमारा गठबंधन दो नेताओं नहीं बल्कि दो दलों के बीच का रिस्ता नहीं था लेकिन उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया.
2013 में नीतीश कुमार ने बीजेपी को नहीं दिया धोखा
बीजेपी सांसद ने आजतक को बताया कि 2013 में जब नीतीश कुमार गठबंधन तोड़कर गए थे, तब उन्होंने धोखा नहीं दिया था. उस समय उन्होंने नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और मुझे भी बताया था कि अगर पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी का चेहरा सामने आएगा तो मैं गठबंधन में नहीं रहूंगा.
वहीं उन्होंने नीतीश कुमार के पीएम मैटीरियल के सवाल पर कहा कि सपना देखने में क्या लगता है. ममता बनर्जी भी सपना देख रही हैं. केसीआर भी देख रहे हैं.
19 महीने बाद लगा चिराग के जरिए धोखा दिया
सुशील मोदी ने कहा कि चिराग पासवान को लेकर नीतीश कुमार कहते हैं कि धोखा दिया गया. आपको 19 महीने बाद लग रहा है कि बीजेपी ने चिराग के जरिए आपको धोखा दिया. आप उसी वक्त कह देते हम आपके साथ गठबंधन नहीं करेंगे. धोखा आपको बीजेपी ने नहीं आपने दिया है.
उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे नीतीश कुमार
सांसद सुशील कुमार मोदी ने इससे पहले दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उप-राष्ट्रपति बनना चाहते थे लेकिन पार्टी द्वारा उनकी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रहने के बाद उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया.