मध्यप्रदेश में भी यात्रा के जरिए सियासी ‘फिजा’ बदलने की कवायद में सुरजेवाला
चंडीगढ़। कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली अपार सफलता के बाद रणदीप सुरजेवाला राजनीतिक लिहाज से बतौर कर्नाटक प्रभारी हाईकमान की नजरों में एक बड़े रणनीतिकार के तौर पर उभरे हैं। वहीं उनकी कुशल रणनीतियों को ही देखते हुए हाईकमान ने बीते माह उन्हें मध्यप्रदेश का भी प्रदेश प्रभारी बनाते हुए साल के अंत में होने वाले विधानसभा के चुनावी दंगल में उतार दिया है। अहम बात ये है कि सुरजेवाला ने अपनी इस बड़ी जिम्मेदारी की शुरूआत करते हुए कर्नाटक की प्रजा ध्वनि यात्रा की तर्ज पर मध्यप्रदेश में इसी माह गणेश चतुर्थी के दिन जनआक्रोश यात्रा शुरू कर दी। इस समय मध्यप्रदेश में एक साथ ये 7 यात्राएं चल रही हैं जो 5 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश भर में जारी रहेंगी। राज्य भर में इस यात्रा के मार्फत 11 हजार 400 किलोमीटर का फासला तय किया जाएगा। ये यात्राएं मध्यप्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर दतस्क देंगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कर्नाटक के बाद बतौर राज्य प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला अब मध्यप्रदेश में भी यात्रा के जरिए सियासी फिजा बदलने की कवायद में हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में जब वे बतौर प्रदेश प्रभारी कर्नाटक में पहुंचे थे तो उस समय उन्होंने विशेष रणनीतियों के आधार पर ऐसा खाका खींचा, जिसके परिणाम विधानसभा चुनावों में बड़े ही सार्थक साबित हुए। अब मध्यप्रदेश में सरकार बनाने को लेकर भी उनका विशेष फोकस अपनी उन्हीं रणनीतियों पर है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बेशक मध्यप्रदेश को जीतने के लिए सत्तारुढ़ दल भाजपा के साथ साथ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी अपनी ऐड़ी चोटी का पूरा जोर लगा दिया है। मगर हाईकमान ने रणदीप सुरजेवाला को कर्नाटक के साथ साथ मध्यप्रदेश में भी बतौर प्रदेश प्रभारी बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उनके प्रति अपने भरोसे को भी पुख्ता किया है। यही वजह है कि सुरजेवाला ने इस दंगल में उतरते ही जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए एक ‘माहौल’ बनाने का क्रम शुरू कर दिया है। सुरजेवाला अब इन चुनावों तक निरंतर मध्यप्रदेश में डेरा डाले रहेंगे और जनता के बीच जाकर जहां कांग्रेस की नीतियों पर प्रकाश डालेंगे। इसके साथे ही सत्तारुढ़ भाजपा शासन की पोल खोलेंगे।
गौरतलब है कि बीते माह 17 अगस्त को ही कांग्रेस हाईकमान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक के साथ साथ मध्यप्रदेश का भी प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया था। पर्यवेक्षकों का मानना है कि सुरजेवाला के लिए यह नियुक्ति किसी बड़े इम्तिहान से कम नहीं है। क्योंकि कर्नाटक में भी भाजपा का शासन था और मध्यप्रदेश में भी भाजपा की ही सरकार है। ऐसे में कर्नाटक के बाद अब उन्हें मध्यप्रदेश में भी कई चुनौतियों से पार पाते हुए यहां भी कांग्रेस के लिए एक बड़ी जमीन तैयार करनी है। कमोबेश रणदीप सुरजेवाला ने मध्यप्रदेश में जन आक्रोश यात्रा के जरिए जमीन पर उतरते हुए जनता के बीच जाकर नब्ज टटोलने के साथ साथ भाजपा शासन के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल दिया है। बताया गया है कि गणेश चतुर्थी यानी 17 सितम्बर से एक साथ शुरू हुई ये सातों यात्राएं आगामी 5 अक्तूबर तक अनवरत रूप से जारी रहेंगी। इसके तहत समूचे मध्यप्रदेश मसलन 11 हजार 400 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा।
इन यात्राओं का नेतृत्व रणदीप सुरजेवाला भी कर रहे हैं और वे तीन मुख्य बिंदुओं के आधार को आत्मसात करते हुए यात्रा को आगे लेकर बढ़ रहे हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार इन तीन मुख्य बिंदुओं में लोगों के बीच जाकर उनके मन की बात को जानने के साथ साथ जनभावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू करना, भाजपा शासन की कारगुजारियों पर हमला बोलने का प्लान है। इसके साथ कांग्रेस की सरकार आने पर लागू होने वाली नीतियों की जानकारी देना व समूल फीडबैक के आधार पर सही उम्मीदवारों के चयन में अहम भूमिका अदा करना शामिल है।चूंकि 230 विधानसभा सीटों वाले मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव हैं। पर्यवेक्षकों के अनुसार चुनाव प्रबंधन और रणनीति में माहिर माने जाने वाले रणदीप सिंह सुरजेवाला संगठन में कई बड़े पदों पर रह चुके हैं तो अनेक मौकों पर पार्टी के लिए संकटमोचक भी साबित हुए हैं। गांधी परिवार के भरोसेमंद माने जाने वाले रणदीप सुरजेवाला एक सुलझे हुए अधिवक्ता होने के साथ ही पार्टी के एक अच्छे वक्ता भी हैं।
खास बात ये है कि इसी साल के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से मुखर नजर आ रही है। इसी बीच बतौर प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी काफी एक्टिव मोड में हैं। वे स्वयं जहां संवाददाता सम्मेलनों और यात्राओं के जरिए जमीन पर मौजूदा सरकार को घेरते हुए दिख रहे हैं तो वहीं ट्विटर के माध्यम से भी काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं। सुरजेवाला व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के जरिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार को घेरते हुए कहा कि 18 सालों की प्रदेश की बदहाली और बर्बादी का जनता में शिवराज राज के खिलाफ जो असंतोष था, वो अब ‘जन आक्रोश’ में तब्दील हो गया है। समूचे मध्यप्रदेश में चारों ओर भयंकर अराजकता, अपराध, भय, भ्रष्टाचार और लूट की खुली छूट है। आदिवासी, किसान, दलित ,बेटियां, बच्चे, पिछड़े ,नौजवान सबकी जुबान पर बस एक ही बात है कि ‘शिवराज हटाओ प्रदेश बचाओ’।
इन दोनों नेताओं ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के कोने-कोने से कानों में जन आक्रोश का स्वर सुनाई दे रहा है। बस जनता की इसी आवाज को सुनकर हम ‘जनाक्रोश यात्रा’ चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां शिवराज राज के खिलाफ जनता में आक्रोश है तो दूसरी ओर कांग्रेस व कमलनाथ के प्रति जनता में जोश दिखाई दे रहा है। शिवराज सरकार ने पहले तो किसानों की आमदनी कम कर दी और फिर फसलों के दाम मांगने पर उनके सीने में गोलियां उतार दी। युवाओं के भविष्य को व्यापम और पटवारी परीक्षा घोटाले की भेंट चढ़ाकर उनके भविष्य की हत्या कर दी। कांग्रेस के शासनकाल में हुए कार्यों का बखान करते हुए उन्होंने बताया कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो उस समय 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। 87 प्रतिशत लोगों का बिजली का बिल 100 रुपए से कम कर दिया। इसके साथ-साथ माफियाओं पर वार करते हुए मिलावटखोरों पर नकेल कसी। इसी प्रकार अब फिर से सरकार आने पर प्रतिमाह केवल 500 रुपए में गैस का सिलेंडर देंगे,100 यूनिट तक बिजली बिल माफ कर देंगे और 200 यूनिट तक हाफ कर देंगे। बेटियों को 1500 रुपए प्रति माह का इंसाफ देंगे और किसानों को 5 हॉर्स पॉवर तक मोटर की बिजली मुफ्त कर देंगे। इसी प्रकार कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का उपहार देंगे।
रणदीप सुरजेवाला अपने ट्विटर हैंडल के जरिए भी कांग्रेस की नीतियों का प्रचार करने के साथ साथ मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर धावा बोल रहे हैं। सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए प्रदेश सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में मौजूदा सरकार को लेकर भारी जनाक्रोश है। बीते 3 साल में ही 31 लाख लोगों की नौकरी छीन ली गई। जिनमें 26 लाख महिलाएं भी शामिल हैं। सुरजेवाला ने कहा कि देश के कुल 40.58 करोड़ लोगों के पास ही काम के अवसर हैं और उनमें भी 8.52 करोड़ लोगों के पास नौकरी और वेतन हैं। गृह विभाग की सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा का युवाओं को 6 साल से इंतजार, उम्र भी निकल गई और रह गए बेरोजगार। इसी प्रकार सुरजेवाला ने युवाओं के साथ साथ महिलाओं, बच्चियों और प्रदेश के किसानों को लेकर भी अपने ट्वीट्स के जरिए सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश में न तो युवाओं के पास रोजगार है और न ही महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित हैं। इसके साथ साथ किसानों के साथ भी भेदभाव बरता जा रहा है। यही मुख्य वजह है कि सरकार की इन नाकामियों को लेकर प्रदेश के लोगों में भारी आक्रोश है और आगामी चुनाव में मध्यप्रदेश की जनता शिवराज सिंह चौहान को करारा जवाब देगी।