सर्वोच्‍च अदालत का UPSC समेत सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पर सुप्रीम फैसला, लिखने में अक्षम दिव्‍यांग को मिलेगा स्‍क्राइब ग्रांट

Update: 2021-02-11 08:04 GMT

फाइल फोटो 

देश की सर्वोच्‍च अदालत ने एक फैसला सुनाते हुए कहा कि दिव्‍यांग कैटेगरी के ऐसे छात्र जो लिखने में असमर्थ हैं, उन्‍हें UPSC समेत अन्‍य प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने से नहीं रोका जा सकता. अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे छात्रों को स्‍क्राइब का ग्रांट भी दिया जाएगा. ऐसे सभी छात्र किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सकेंगे जिसके लिए केन्‍द्र सरकार अलग से व्‍यवस्‍था करेगी.

अदालत ने केन्‍द्र को तीन महीने के भीतर इस संबंध में गाइडलाइंस और नॉर्म्‍स तैयार करने का भी निर्देश दिया है ताकि दिव्‍यांग छात्रों के हितों की रक्षा सुनिश्चित हो. ऐसे छात्रों को परीक्षा देने के लिए उचित सुविधाएं उपलब्‍ध कराने के लिए केन्‍द्र सरकार को 3 महीनों के समय में फ्रेमवर्क तैयार करना है. इस फ्रेमवर्क में अलग एग्‍जाम सेंटर, सपोर्ट राइटर जैसी सभी सुविधाओं पर नियम तय होंगे.
दिव्‍यांग छात्रों के हितों की रक्षा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विकलांगता से पीड़ित लोगों को समाज से अलग-थलग महसूस नहीं करना चाहिए. सरकार को उन्हें सशक्त बनाने और उन्हें समाज में शामिल महसूस कराने के लिए कदम उठाने चाहिए. छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति देना इसी दिशा में एक कदम है.
Tags:    

Similar News

-->