जज की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, दिया ये निर्देश
झारखंड के धनबाद में जज की संदिग्ध मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. CJI एन वी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मुख्य सचिव और डीजीपी से 1 हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने कहा है कि देशभर में न्यायिक अधिकारियों पर हमले की कई घटनाएं हुई हैं. हम उनकी सुरक्षा के व्यापक विषय पर सुनवाई करेंगे.
28 जुलाई 2021, बुधवार, सुबह 5 बजे
शहर की सड़के लगभग पूरी तरह से खाली थीं. एक सड़क के किनारे एकदम बाईं ओर एक शख्स टहल रहा था. तभी उस शख्स के पीछे से एक ऑटो आता है और सड़क पर सीधे न जाकर हल्का सा बायें मुड़ता है और किनारे चल रहे उस शख्स को तेज रफ्तार से टक्कर मार कर भाग निकलता है. हैरानी की बात ये है कि टक्कर मारने के बाद वो ऑटो रुका नहीं, बल्कि खाली सड़क पर उसकी रफ्तार तेज हो गई और कुछ ही मिनटों में वो गायब हो गया.
इलाज के दौरान मौत
ये वारदात झारखंड के औद्योगिक शहर धनबाद की है. और जिस शख्स को ऑटो ने टक्कर मारी थी, वो कोई आम इंसान नहीं बल्कि एक जज थे. धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद. कुछ देर बाद लोगों ने उन्हें सड़क के किनारे पर पड़े देखा तो उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वो हजारीबाग के रहने वाले थे. उनके पिता और भाई हजारीबाग कोर्ट में वकील हैं. उनके दो साले आईएएस अधिकारी हैं.
अधिकारी मौके पर पहुंचे
जज उत्तम आनंद की मौत की खबर पूरे जिले में आग की तरह फैल गई. मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडे, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अर्जुन साव समेत जिला के तमाम न्यायिक पदाधिकारी और मृतक जज के परिजन अस्पताल जा पहुंचे. घटना की सूचना मिलने के बाद धनबाद के एसएसपी, एसपी समेत जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौका-ए-वारदात पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरु कर दी.