'राउरकेला इस्पात संयंत्र' में गैस रिसाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने NGT के आदेश पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने राउरकेला इस्पात संयंत्र में हुए गैस रिसाव मामले में एनजीटी के उस आदेश पर रोक लगा दी है।

Update: 2021-07-10 17:13 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने राउरकेला इस्पात संयंत्र में हुए गैस रिसाव मामले में एनजीटी के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के भुगतान का आदेश दिया दिया था। न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश एम आर शाह की पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कारखानों और बॉयलर विभाग और अन्य को नोटिस जारी किए।

नोटिस में कहा गया, नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय हरित अधिकरण की प्रधान पीठ के 11 फरवरी 2021 के फैसले और अंतिम आदेश पर क्रियान्वयन पर रोक लगे। कामगारों, जिनकी छह जनवरी 2021 में मौत हो गई थी, के नया आदेश आने तक काम जारी रखें।
शीर्ष अदालत अधिकरण के आदेश को चुनौती देने वाली राउरकेला इस्पात संयंत्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, इसमें अधिकरण ने संयंत्र में गैस रिसाव होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों अथवा वारिसों को हर्जाने की रकम देने के निर्देश दिए थे। अधिकरण ने इसके साथ ही एक शीर्ष समिति भी गठित की थी जिसे यह सुझाव देने थे कि उद्योगों को क्या सुरक्षा कदम उठाने चाहिए।
अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल माधवी गोराड़िया दीवान ने अपनी दलील में कहा कि मामले पर स्वत: संज्ञान लेना राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अधिकार क्षेत्र में नहीं है और इस पर इस अदालत में दो याचिकाएं लंबित हैं। उन्होंने कहा कि छह जनवरी 2021 को जिन चार कामगारों की मौत हुई थी उनमें से तीन के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। गौरतलब है कि ओडिशा में सरकारी कंपनी एसएआईएल की राउरकेला इस्पात संयंत्र इकाई में जहरीली गैस का रिसाव होने से कम से कम चार मजदूरों की मौत हो गई थी और कई लोग बीमार हो गए थे।
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